संसार में सबसे पवित्र रिश्ता पति-पत्नी का : मौलाना काजिम
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अंबेडकरनगर। रसूले अकरम के प्रिय नाती इमाम हुसैन ने कुछ निकटतम सगे-संबंधियों संग मदीने से कर्बला का रूख किया था तो उनके तमाम उद्देश्यों में एक उद्देश्य यह था कि तत्कालीन धर्म व मानवता विरोधी शासन के छल, प्रपंच से सुरक्षित रहते हुए लोग सत्य से परिचित हों।
यह विचार रविवार को जलालपुर तहसील क्षेत्र के मछलीगांव निवासी मौलाना काजिम मेहदी ने अजादारों के मध्य व्यक्त किया। वह अकबरपुर विकास खंड के मौजा रामपुर मंगुराडिला इमामबाड़े में मरहूमा हसन बानो बिंते सैयद इफ्तेखार हुसैन की मजलिसे सेयुम को संबोधित कर रहे थे। मरहूमा नामचीन आलिमेदीन मौलाना नूरूल हसन रिजवी की बहन थीं। वह विगत कई वर्षों से कैंसर से पीड़ित थीं, जिनका शनिवार को निधन हो गया।
इसी क्रम में वसीका अरबी कालेज अयोध्या के प्राचार्य मौलाना मुहम्मद मोहसिन ने बोलते हुए कहा सांसारिक संबंधों में चाहे भाई-बहन का रिश्ता हो बाप-बेटी अथवा मां और बेटे का रिश्ता हो यह अत्यंत पवित्र रिश्ते माने जाते हैं। लेकिन कायनात में उक्त सभी रिश्ते पहले न थे। सृष्टि की रचना के उपरांत परवर दिगार ने सबसे पहले पुरुष के रूप में हजरत आदम तथा महिला की शक्ल में जनाबे हव्वा को धरती पर भेजा, जिनका रिश्ता पति-पत्नी के रूप में सामने आया और इन्हीं दोनों से मानव जाति का विस्तार हुआ। इस प्रकार पृथ्वी पर पहला रिश्ता मियां-बीवी का था लिहाजा यही सर्वाधिक पवित्र संबंध है। आयोजक मुहम्मद शब्बर एवं शादाब हुसैन ने उपस्थित जनों के प्रति आभार प्रकट किया। संचालन आरिफ अनवर अकबरपुरी ने किया।