आतंकवाद का पुरजोर विरोध इमाम हुसैन को सच्ची श्रद्धांजलि

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आतंकवाद का पुरजोर विरोध इमाम हुसैन को सच्ची श्रद्धांजलि


अंबेडकरनगर। इमाम हुसैन की याद यानी अजादारी पर आपत्ति जताने के बजाए अगर कुख्यात आतंकवादी यजीद और वर्तमान समय में उसकी विचारधारा को अपनाने वाले तालिबान, दाइश जैसे दहशतगर्दों द्वारा निरीह प्राणियों के ऊपर किए जा रहे अत्याचार पर ऐतराज किया होता तो आज उम्मत के दामन पर दहशतगर्दी का धब्बा न होता।
उक्त विचार मौलाना सैयद मोहम्मद अब्बास रिजवी ने इमामबाड़ा मीरानपुर में अंजुमन गुंचै अकबरिया की ओर से इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम की स्मृति में आयोजित सालाना अजादारी कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किया। उन्होंने मौला अली के हवाले से कहा कि नमाज की फिक्र अपने ऊपर वाजिब रकर लोगे तो दुनिया की फिक्र से आजाद हो जाओगे और कामयाबी तुम्हारे कदम चूमेगी।
अजादारी कार्यक्रम के द्वितीय चरण में अंजुमन अकबरिया, अंजुमन हैदरिया कदीम अब्दुल्लाहपुर अंजुमन गुंचए अजादारिया हुसैनाबाद-शाहगंज जनपद जौनपुर के अलाव अंजुमन गुलशने इस्लाम भौंरा के युवकों ने नौहा-मातम के माध्यम से चौथे इमाम सहित कर्बला के अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित किया। हैदरिया कदीम की ओर से नामी-गिरामी नौहाखान हसन अलवी ने शायरे अहलेबैत अंसर जलालपुरी का कलाम पुरदर्द आवाज में पढ़ा सख्तियां कैद की सज्जाद भुला सकते नहीं, कितने ग़म गुजरे सकीना पे बता सकते नहीं।आयोजन समिति के जामिन, अजकिया, अस्तफा, आसिम, अर्तजा, मुर्तजा, आकिब, आशिर, यासूब, कुमैल, अमन, जौन आदि ने अतिथियों की आवभगत किया।

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