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ईमान को खोखला कर देती है लालच : मौलाना मेहदी हसन

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ईमान को खोखला कर देती है लालच : मौलाना मेहदी हसन


अंबेडकरनगर। दौलत की लालच में जब इंसान के अंदर से ईमान रुखसत हो जाता है वह कत्ल, गारतगरी से भी गुरेज नहीं करता। यह बात मौलाना मेहदी हसन वाइज जलालपुरी ने अजादारों को खेताब करते हुए कही।
इमामबाड़ा राजा साहब मीरानपुर में मरहूम अली हैदर खान इब्ने मुस्तफा अली खान के इसाले सवाब की मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना मेहदी हसन ने आगे कहा कर्बला में इमाम हुसैन के कातिलों की यही स्थिति थी। उन्होंने कहा वैसे तो हर महीने का चांद देखकर कुशलता की कामना की जाती है लेकिन
मोहर्रम वह महीना है जिसका चांद देखते ही अजादार शोक में डूब जाते हैं। महिलाएं चूड़ियां तोड़ देती हैं, साज-श्रृंगार, रंग-बिरंगे वस्त्र त्याग दिए जाते हैं। खुशियां रुखसत हो जाती हैं सवा दो माह कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता और हम सब इस मध्य शोक के समंदर में डूबे रहते हैं। इस चांद की विशेषता यह है कि पूरे साल अजादार इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं।
रसूल अकरम ने कहा रहमते परवरदिगार इस तश्त से ज्यादा रौशन, शहद से अधिक मीठा
और पुल-ए-सिरात से गुजरना सरल होगा। जबकि अल्लाह ने कहा अहलेबैत से मोहब्बत चांद से अधिक प्रकाशमय, शहद से ज्यादा मीठी तथा इनसे शत्रुता रखने वालों के लिए बाल से भी ज्यादा बारीक पुल-ए-सिरात से गुजरना असंभव होगा‌। ताजीम अली, जहबी, रेहान, रजी आदि ने पेशखानी किया। मौलाना अकबर अली, मौलाना मोहम्मद अब्बास, हाजी सज्जाद हुसैन, सरवर हुसैन, इम्तियाज हुसैन, मेहदी रजा, अहमद हुसैन बब्बी, कर्रार अब्बास सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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