राजकीय कृषि बीज भण्डार द्वारा क्षेत्र के किसानों को पराली न जलाने के लिए किया जा रहा है जागरूक …
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पराली जलाने से किसानों की होती है बहुउद्देशीय अपूरणीय क्षति : डॉ .रविशंकर वर्मा सहायक विकासखण्ड अधिकारी कटेहरी
किसानों ने लिया संकल्प अब खेतों में पराली न जलायेंगे न जलाने देगें ..
विजय चौधरी / सह संपादक
अम्बेडकरनगर। जनपद के विकासखण्ड कटेहरी अन्तर्गत हर न्याय पंचायत स्तर पर किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए राजकीय कृषि बीज भण्डार द्वारा जागरूक किया जा रहा है । प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ क्रॉप रेज्डयू योजनांतर्गत
आज कृषि विभाग कटेहरी द्वारा क्षेत्र की समस्त न्यायपंचायत में न्यायपंचायत स्तरीय कृषक जागरूकता गोश्ठी का आयोजन किया गया । जिसमे मौजूद नोडल अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी कृषि डॉ .रविशंकर वर्मा ने किसानों को खेतों में पराली न जलाने के लिए जागरूक किया गया । उन्होंने बताया कि धान की कटाई के बाद खेत में पराली को जलाने से एक तरफ़ जहाँ पर्यावरण प्रदूषित होता है वहीं किसान का भारी नुकसान भी होता है। खेत में पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। साथ ही जमीन की ऊपरी सतह पर उपलब्ध उर्वरा शक्ति भी क्षीण हो जाती है। इससे अगली फसल में किसानों को ज्यादा खाद और सिचाई करने की जरूरत पड़ती है। जिससे फसल की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में पराली जलाने की बजाय मिट्टी में दबा देना ही हितकर है । इससे वह पराली मिट्टी में सड़कर कार्बनिक खाद का काम करती है। जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है।
इस गोष्ठी में कृषि विभाग के अभिषेक रघुवंशी सहित व अन्य कर्मचारी गण एवं समस्त न्यायपंचायत में सहियोगी कृषक और कृषको ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया और किसानों ने शपथ ली कि हम अपने खेत में पराली न जलाएंगे न अन्य कृषको को जलाने देगे और उन कृषको से अनुरोध करेगे की फसल अवशेष को मिट्टी में मिलाकर अपने खेतों की उर्बरक क्षमता को बढ़ायेगें ।