जातीय जनगणना कराये जाने के लिए सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने गृहमन्त्री को लिखा पत्र ….
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नब्बे वर्ष पहले हुए जनगणना के आधार पर आज भी प्रस्तुत किये जातें हैंं आंकड़े : राम शिरोमणि वर्मा सांसद श्रावस्ती
विजय चौधरी / सह संपादक
दिल्ली। अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण सम्बन्धी स्थायी समिति के सदस्य , युवा सांसद श्रावस्ती एवं जनपद अम्बेडकर नगर के मूल निवासी राम शिरोमणि वर्मा ने भारत सरकार में गृहमन्त्री अमित शाह को पत्र लिखकर जातीय आधार पर जनगणना कराये जाने के लिए शासन से मांग की है ।
उन्होने अपने पत्र में इंगित किया है कि देश के समुचित विकास हेतु जातीय आधार पर जनगणना बहुत ही महत्वपूर्ण है ।हमारे देश में जातीय जनगणना आज से नब्बे वर्ष पूर्व सन 1931 में हुआ था । उसी के आधार पर हम आजतक अपने आंकड़े प्रस्तुत करते आ रहें हैंं । जबकि हर दसवें वर्ष लोगों की स्थिति बदलती रहती है । शासन द्वारा जारी की जा रहीं सरकारी योजनाएं पात्र लोगों तक पहुंच पा रहीं हैंं या नहीं , सरकार द्वारा संचालित किये गये विभिन्न कार्यक्रम की नवीनतम जानकारी के लिए जातीय जनगणना की महती आवश्यकता है । इस संदर्भ में काका कालेलकर व बी पी मण्डल आयोग द्वारा भी जातीय जनगणना की सिफ़ारिश की जा चुकी है । संविधान में भी जातीय आधार पर सदस्य निर्वाचन से लेकर अन्य सुविधाओं का वर्णन बड़े ही महत्वपूर्ण ढंग से किया गया है । पर अफ़सोस हैंं कि हम आज भी नब्बे वर्ष के पुराने आंकड़े पर जीवित हैंं । जो सभ्य समाज के लिए एक अभिशाप है ।
अतएव इस बार की जनगणना के साथ सभी जातियों की गणना करायी जाय जिससे जातियों से सम्बंधित सभी आंकड़े सभी को मालूम हो सके और नीति निर्धारण के समय इन्हीं आंकड़ों के आधार पर योजनाओ का निर्धारण किया जा सके ।