शुद्ध प्राणवायु ऑक्सीजन हमें वृक्षों से ही मिलती है : डॉ ओ पी चौधरी
1 min readशुद्ध प्राणवायु ऑक्सीजन हमें वृक्षों से ही मिलती है : डॉ ओ पी चौधरी
वाराणसी। महामहिम राज्यपाल,उत्तर प्रदेश द्वारा नामित सदस्य,कार्य परिषद, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर,गांधी पीस फाउंडेशन नेपाल द्वारा पर्यावरण योद्धा सम्मान से सम्मानित,यूजीसी द्वारा संचालित गांधी अध्ययन केंद्र के पूर्व निदेशक ,श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज वाराणसी के मनोविज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा ओ पी चौधरी ने राज्य सरकार के वृक्षारोपण जन आंदोलन -2021 के अंतर्गत आज महाविद्यालय के परमानंदपुर परिसर में आम की पौध लगाते हुए कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षा अत्यंत आवश्यक है। हमारा अचार- विचार,संस्कृति,जीवन पथ प्रशस्तक है- पर्यावरण। पौधारोपण कर हम न केवल पर्यावरण की रक्षा करते हैं,अपितु जीवन दायिनी प्राणवायु की उपलब्धता भी सुनिश्चित करते हैं। अभी कोरोना की दूसरी लहर में चारों तरफ ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मची हुई थी,लोग प्राणवायु के लिए जूझ रहे थे। कुछ लोग पीपल के वृक्ष पर प्राणवायु के लिए मचान बनाकर बैठ गए। शुद्ध प्राणवायु ऑक्सीजन हमें वृक्षों से ही मिलती है। पेड़- पौधे प्रकृति के अनुपम उपहार हैं जो हमें हरियाली, छाया,ईंधन,इमारती लकड़ी के साथ ही प्राणवायु ऑक्सीजन का भंडार देते हैं। गांधीजी के अनुसार प्रकृति ही ईश्वर है,सृष्टि में जो कुछ है वह सभी पर्यावरण है। पर्यावरण संरक्षण का उत्तरदायित्व हम सभी नागरिकों का है। डॉ चौधरी ने यह भी बताया कि हमारा महाविद्यालय परिसर 5 एकड़ के भूभाग में फैला हुआ है,जो वाराणसी के प्रसिद्ध लंगड़ा आम का बगीचा था,और जितने पेड़ सूख जा रहे हैं,उनके स्थान पर प्रत्येक वर्ष लंगड़ा आम की पौध का रोपण करते आए हैं और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी उठाते हैं। पर्यावरण स्नेही डा ओ पी चौधरी को वृक्षारोपण का शौक है और 1971 से इस शौक को न केवल बरकरार रखे हैं,बल्कि अब यह उनके जीवन का एक अविभाज्य अंग बन गया है। आज के इस अवसर पर बी ए द्वितीय वर्ष की छात्रा नीतू कुमारी एवम् पायल सिंह ने भी अपने अनुभव साझा किया और कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण बहुत ही जरूरी है।हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए सचेत होना होगा। जूही कुमारी,अंजली चौहान,अनीता आदि सभी उपस्थित छात्राएं बी ए द्वितीय वर्ष की ही थी,जिन्हें पर्यावरण एक अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता है,सभी ने कमसेकम एक एक पौधा लगाने व बड़े होने तक उसके देखभाल का संकल्प भी लिया। छविनाथ,शमशेर,सुनील वर्मा,शिवधनी आदि इस कार्यक्रम में उपस्थित ही नहीं रहे बल्कि सहभागी भी बने।
……डा ओ पी चौधरी
एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग
श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज वाराणसी
मो : 9415694678