बसपा सुप्रीमो के अप्रत्याशित कड़े फैसले के धमक की गूंज अभी भी जारी…
1 min readबसपा सुप्रीमो के अप्रत्याशित कड़े फैसले के धमक की गूंज अभी भी जारी…
बसपा से निष्कासित किये गये राष्ट्रीय महा सचिव के समर्थन में पूर्व प्रत्याशी सहित लगभग छः दर्जन पदाधिकारियों ने बसपा से दिया इस्तीफा ….
विनोद वर्मा / विजय चौधरी
उनकी धाक सैकड़ों में थी , गिनती भी शहर के बड़े बड़ों में थी …!
दफ़न ओ केवल छः फिट गड्ढे में हुए , जबकि ज़मीन उनके नाम तो कई एकड़ में थी …॥
अम्बेडकरनगर। बसपा सुप्रीमो के कठोर फैसले ने एक तरफ जहाँ सियासत के वटवृक्ष बने जनपद के भीष्मपितामह की चूल्हे हिला दिये । वहीं अप्रत्याशित हुए इस फैसले ने बसपा सहित अन्य लोगों को भी स्तब्ध करके रख दिया । पर बसपा के इतिहास पर नज़र डालें तो ऐसे फैसले से आहत होने वालों की बहुत बड़ी फेहरिस्त है । कि वह अपने नेता को वटवृक्ष नहीं बनने दिया । शायद यही कारण है कि बसपा अपने संगठन की साख को महफ़ूज़ रखा है । जिसने बार बार यह तय किया है कि नेता का क़द पार्टी से बड़ा नहीं हो सकता ।
इसी क्रम में जनपद के दो कद्दावर से वटवृक्ष बने नेता को एक झटके में बसपा सुप्रीमो ने निकाल कर फेंक दिया । जिन्होंने ढाई दशक से अधिक समय से बसपा के लम्बरदार बने स्थापित हो चले थे । बसपा के बदौलत ही इन्होंने पद , प्रतिष्ठा के साथ ही अकूत सम्पत्ति के स्वामी बन हो चले । जिसकी चर्चा न्यायालय की चौखट भी पार कर चुकी ।
बसपा सुप्रीमो के शक्त तेवर व कड़े फैसले से निष्कासित हुए इन सियासतदां लालजी वर्मा व राम अचल राजभर के कारण पूरे जनपद की बसपा सहित अन्य दलों में भी विक्षोभ पैदा कर दिया । इनके भविष्य के फैसले से अन्य दल के दावेदारों की गणित बिगड़ सकती है ! जिसे लेकर जहाँ उनकी धड़कने बढ़ गयीं हैंं । वहीं निष्कासित हुए उक्त नेता गण जनता में अपनी बची साख टटोल रहें हैंं । कभी बसपा के बहिन जी का सर पर चढ़कर बोलने वाला सुरूर आज अपनी बची साख का जनता से याचना करता नजर आ रहा है । इसी क्रम में गत दिवस जनपद मुख्यालय पर निष्कासित सदर बसपा विधायक राम अचल राजभर ने एक बैठक अपनों के बीच अपनी साख की नब्ज़ टटोली । वहीं दूसरे बसपा निष्कासित कटेहरी विधायक लालजी वर्मा भी आगामी ग्यारह जून को बैठक अपने प्रति सहानुभूति निवेदित करेगें । जनता इन्हें कितना महत्व देती है यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है । इनके समर्थित व बसपा में पदाधिकारी स्थापित किये गये लोगों द्वारा इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया है । जिसमें अकबरपुर विधानसभा में राम अचल के समर्थन में उनके पुत्र एवं पूर्व बसपा प्रत्याशी संजय राजभर सहित लगभग सत्तर पदाधिकारियों ने आज सामूहिक रूप से बसपा से त्यागपत्र देते हुए इस्तीफा दे दिया ।