खेतों मे चूहा प्रबंधन का सही समय मई-जून : प्रो. रवि प्रकाश
1 min readखेतों मे चूहा प्रबंधन का सही समय मई-जून : प्रो. रवि प्रकाश
लखनऊ। खाध पदार्थों को हाँनि पहुंँचाने वाले जीवों में चूहों का प्रथम स्थान है । एक चूहा एक दिन में 10-60 ग्राम तक अनाज खा सकता है। चूहों की संख्या मनुष्य की संख्या से 6 गुना अधिक है। कुल उत्पादित खाद्यान्न का लगभग 8 से 10 प्रतिशत चूहें ही बरबाद कर देते है। खाने के साथ- साथ अपने मल मूत्र से अनाज को भी दुषित करते है। तथा बीमारियाँ भी फैलाते है। एक जोड़ी चूहाँ 1 वर्ष में 8 से 10 बार बच्चा देती है । और एक बार मे6 से 12 बच्चे दे सकती है । एक जोड़ी चूहे यदि नियंत्रित न हो तो एक वर्ष में 1000 से 1200 तक की संख्या बढ़ा सकते है।चूहों की संख्या मई -जून माह में कम होती है, यही समय चूहां नियंत्रण अभियान हेतु सही है । क्षेत्र विशेष गांव के लोगों को मिलकर सामूहिक रुप से चलाना चाहिए। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र सोहाँव बलिया के अध्यक्ष प्रो.रवि प्रकाश मौर्य ने बताया कि संसार भर में चूहों की 500 से अधिक जातियां पाई जाती है।इनमें से हमारे देश में 110 जातियाँ मिलती हैं। इन्हें चार श्रेणियो मे बाँटा गया है। घर का चूहां, पड़ोसी चूहां, खेत का चूहां,एवं जंगली चूहां। इनके प्रबंधन के लिए कम से कम 30 से 40 व्यक्तियों की टोली होनी आवश्यक है ! प्रथम दिन बिलों का निरीक्षण करना चाहिए एवं उन्हे मिट्टी से बंद कर 2 फीट का डंडा पहचान हेतु लगा देना चाहिए ! दूसरे दिन खुले हुए बिलों के पास भूना दाना चना / चावल 10 ग्राम की कागज की पुड़िया बनाकर रखना चाहिए तथा बंद बिल के पास के डंडे हटा दे। तीसरे दिन भी पुनः सादा चारा रखना चाहिए । चौथे दिन बिष चारा 8-10 ग्राम की कागज की पुड़िया बनाकर प्रति बिल में सायंकाल रखना चाहिये। बिष चारा के लिये 56ग्राम दाना भूना चना/चावल , 2ग्राम जिंक फाँस्फाइड एवं 2 ग्राम सरसों का तेल लकड़ी से मिलाकर बनाये। बिष चारा रखने के दूसरे दिन सुबह मरे हुए चूहों एवं बचे हुए बिष चारा को एकत्र करके गढ्ढा खोदकर ढक देना चाहिये। चूहें को मीठा पसंद होता है। किसान खेतों में हो या घर पर, अनाज भण्डारण गृह में जलेबी का पाक जो आसानी से मिल जाता है, जलेबी के पाक में रूई की छोटी-छोटी गोली बना कर डूबा दें। जब वो गोलियां पूरी तरह से भीग जाएं तो चूहों के बिल के पास रख दें।
चूहा उसे आसानी से खा लेता हैं। वह रूई की गोली चूहे की आँतों में फंस जाती है। कुछ समय के बाद चूहे की मौत हो जाती है। प्याज की खुशबू चूहों से बर्दाश्त नही होतीं इसलिए उन जगहों पर प्याज के टुकड़े डाल दें, लाल मिर्च खाने में प्रयोग होने वाली चूहों को भगाने के लिए काफी कारगर है। जहां से चूहें ज्यादा आते हैं, वहां पर लालमिर्च का पाउडर डाल दें। इंसानों के बाल से भी चूहे भागते हैं। क्योंकि इसको निगलने से इनकी मौत हो जाती है इसलिए इसके नजदीक आने से ये काफी डरते हैं। इस समय कोराना वायरस के कहर से अपने आप को बचाए। आवश्यकता हो तो तभी मास्क लगाकर घर से बाहर निकले। साबुन से हाथ समय समय पर कम से कम 30 सकेण्ड तक धोते रहे।आपसी दूरी कम से कम 2 गज बनाये रखे।कोराना हेतु सरकार द्वारा समय समय पर जारी किये गये निर्देशो का पालन करे।