मेडिकल कालेज के रोगी वार्ड की दीवारें बनी थूकदान , स्वच्छता अभियान को मेडिकल कालेज प्रशासन बना रहा मजाक
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स्वच्छता अभियान को मेडिकल कालेज प्रशासन बना रहा मजाक
अम्बेडकरनगर। सरकार स्वच्छ भारत और सुन्दर भारत के तहत चाहे जितने महाअभियान चला लें मगर महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज सद्दरपुर के कालेज प्रधानाचार्य के ऊपर सरकार के अभियान और दिशानिर्देश का कोई असर पड़ने वाला नहीं है। प्राप्त सूचना के आधार पर मेडिकल कालेज में रोगी वार्ड के बाहर की दीवारें और सीढ़ियां शौचालयों के बाहर की दीवारें पान मसाला खाकर थूकने वालों से पूरी तरह से रंगीन हो गयीं हैं। जबकि गेट पर हमेशा सेवानिवृत्त सैनिकों और आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों की तैनाती रहती है। लापरवाही का आलम यह है कि मेडिकल कालेज प्रधानाचार्य केवल आफिसों में बैठकर समय बीताते हुए फोन से ही फरमान करतें रहतें हैं ।जबकि मेडिकल कालेज के अन्दर पान मसाला खाकर थूकने वालो पर 200 रूपया जुर्माना लगाने का स्लोगन ही लगाया गया है जो केवल हवा हवाई ही रह गया है।
जिसके कारण यहाँ पर आने वाले लोग बेहिचक दीवारों ,सीढ़ियों,और शौचालयों के बाहर पान मसाला खाकर दीवारों को खूब इत्मिनान के साथ थूक कर उसे रंगीन बनाने का काम कर रहें हैं। सरकार के स्वच्छता अभियान की यहाँ पर धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं और सरकार भी ऐसे लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही नहीं कर रहा हैं। कालेज प्रधानाचार्य से जब इस सन्दर्भ में बात करने का प्रयास किया गया तो बात न हो पाने से स्पष्ट जानकारी प्राप्त न हो सकी। कुछ भी हो परन्तु कालेज प्रधानाचार्य की घोर लापरवाही की वजह से यहाँ की दीवारें थूकदान बनीं हुईं हैं।