दर दर भटक रहा है पीड़ित छात्र अभी तक नहीं मिल सका कोई न्याय …
1 min readदर दर भटक रहा है गरीब पीड़ित छात्र अभी तक नहीं मिल सका कोई न्याय …
चार दिन बीत जाने के उपरान्त भी कोतवाली ने नहीं दर्ज किया मुकदमा ..
क्या अकबरपुर कोतवाली में पैसे और ऊंचे रसूख के बल पर ही मिलता है न्याय
जनपद के तानाशाह डिवाइन पब्लिक स्कूल के अध्यापक द्वारा गत दिनों निर्ममता पूर्वक हुई थी छात्र की पिटाई
अम्बेडकरनगर। जबरा मारै रोवै न देय , यह उक्ति आज उस समय चरितार्थ होती नजर आ रही जब जनपद का तानाशाह डिवाइन पब्लिक स्कूल का कक्षा दस का गरीब छात्र ओम मौर्या की अध्यापक द्वारा गत शुक्रवार को निर्ममतापूर्वक पिटायी कर दिया । जिससे पीड़ित छात्र के कान का पर्दा फट गया । वह सुनने से असमर्थ हो गया है । पैसे की पकड़ कितनी मजबूत होती है ? यह खुलकर अब सामने आने लगी । जब कि पीड़ित के पिता द्वारा स्थानीय कोतवाली में लिखित सूचना दिये जाने के उपरान्त भी चार दिन बीत जाने के उपरान्त भी अभी तक कोई सक्त कार्यवाही करने के बजाय पुलिस प्राथमिकी भी दर्ज करना मुनासिब नहीं समझ रही है । उल्टे उसे समझौता करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है ।
ऐसे परिस्थिति में न्याय की उम्मीद किससे किया जाय साथ ही पीड़ित क्या करे ? जिसे उक्त विद्यालय एवं स्थानीय प्रशासन दोनों से धमकियां व दबाव निरन्तर मिल रहा है ।
ज्ञात हो कि उक्त विद्यालय मानवाधिकार की धज्जियां उड़ाने के मामले को लेकर पहले भी कई बार सुर्खियों में आ चुका है । उक्त विद्यालय का प्रशासन इतना मन बढ़ हो चुका है कि छात्रों को प्रताड़ित करना उसके रशूख में शामिल हो चुका है । विद्यालय की दबंगई के कारण कोई विरोध करने का साहस नहीं जुटा पाया विवशता में किसी को विरोध करने का कानूनी सहारा लेना भी पड़ा तो उसका यह अन्जाम सामने आ रहा है ।
विद्यालय की निरंकुशता से आहत पीड़ित के पिता हरिशचंद्र मौर्या द्वारा बहरे हो चुके अपने पाल्य ओम मौर्या के न्याय की आस लेकर गत 29 जनवरी को स्थानीय कोतवाली में तहरीर भी दिया ! पर पैसे और ऊंचे रसूख के सामने ओम मौर्या के लिए मानवाधिकार कानून भी बौना नजर आने लगा है । उसे हर जगह अपमान व तिरस्कार का सामना करना पड़ रहा है । अपने चोटहिल पुत्र को लेकर हरिशचंद्र दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो चला है । उसे न्याय मिलने की आस अब क्षीण होती नजर आने लगी है ।