राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी मोर्चा) ने 9 जनवरी को उत्तर प्रदेश बंद करने की दी चेतावनी…
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लखनऊ/अयोध्या,अवधी खबर (बृजेश कुमार)। नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय का एतराज करते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी विकास पटेल ने प्रदेश सरकार को चुनौती देते हुए 9 जनवरी को उत्तर प्रदेश बंद करने का चेतावनी दिया है। और कहा प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल ना करना ओबीसी आरक्षण समाप्त करने का षड्यंत्र है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉ. के कृष्णमूर्ति और अन्य बनाम भारत सरकार के मामले में 11 मई 2010 को तथा विकास किशन लाल गवली बनाम महाराष्ट्र सरकार मामले में 4 मार्च 2023 को पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू करने हेतु ट्रिपल टेस्ट प्रणाली के तहत आरक्षण लागू करने का आदेश दिया गया था। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किए बगैर ही नगर निकाय चुनाव में आरक्षण घोषित कर दिया। भाजपा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल किए बगैर ओबीसी आरक्षण के साथ धोखेबाजी है। यदि सरकार समय रहते हुए इस पर अमल करती तो आज ओबीसी आरक्षण समाप्त नहीं होता। एक लंबे समय से ओबीसी जाति आधारित जनगणना तथा संख्या के अनुपात हिस्सेदारी की मांग कर रहा है। लेकिन ओबीसी विरोधी भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी की संख्या में आरक्षण देने के बजाय 27% आरक्षण को भी निष्क्रिय प्रभावित करने का कार्य किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 69.000 शिक्षक भर्ती सहित तमाम नियुक्तियों में जबरदस्त आरक्षण घोटाला सामने आया है। निजीकरण के माध्यम से आरक्षण समाप्त किया जा रहा है, इसीलिए उपरोक्त षड्यंत्त्रो के खिलाफ 9 जनवरी को उत्तर प्रदेश बंद करने का आवाहन किया है। उन्होंने बताया कि इस बार उत्तर प्रदेश बंद करने में बहुजन नेता वामन मेश्राम,बहुज मुक्ति मोर्चा, बहुजन क्रांति मोर्चा,बहुजन मुक्ति पार्टी, राष्ट्रीय किसान मोर्चा,राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा, भारतीय विद्यार्थी, युवा बेरोजगार मोर्चा,राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ,राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद सहित सैकड़ों सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है। जिससे 9 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश बंद करने का ऐतिहासिक होगा।