बौद्धिक अनुशासन हेतु हिंदी सर्वश्रेष्ठ भाषा : प्रो हरिश्चंद्र मिश्रा
1 min readबौद्धिक अनुशासन हेतु हिंदी सर्वश्रेष्ठ भाषा : प्रो हरिश्चंद्र मिश्रा

वाराणसी अवधी खबर। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की काशी इकाई द्वारा हिंदी दिवस का आयोजन आभासी मंच पर शांति निकेतन,बंगाल के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो हरीश चंद्र मिश्र की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। प्रो मिश्रा ने कहा कि भाषा अपने देशकाल की अपेक्षा के अनुरूप अपना स्वरूप ग्रहण करती है। यह समाज से ग्रहीत की जाती है। हमारा चिंतन और विचारों का आदान प्रदान बिना भाषा के संभव नहीं है। भाषा का विकास सरलीकरण का विकास है,संवेदना का विकास है। बौद्धिक अनुशासन के लिए वैज्ञानिक भाषा की जरूरत होती है और हिन्दी उसमें सक्षम है। हमें अपनी सोच का दायरा बदलना चाहिए और अन्य भाषाओं के शब्दों को हिन्दी में समाहित करना चाहिए। हिंदी की शब्द शक्ति बहुत ताकतवर है। मुख्य अतिथि के रूप में वसंत कन्या महाविद्यालय वाराणसी की हिन्दी विभाग की अध्यक्ष प्रो शशिकला त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी हमारे अस्तित्व की परिचायक है।तकनीकी और प्रौद्योगिकी से जुड़कर हम हिंदी को विश्व फलक पर ला रहे हैं। आज के दौर में हमें हिंदी के साथ ही कामसेकम एक अन्य भाषा भी जरूर सीखनी चाहिए। हिंदी को ज्ञान विज्ञान,रोजगार,न्यायालय की भाषा के रूप में स्थापित किया जाय तभी इसका समुचित विकास होगा। विषय प्रवर्तन करते हुए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष एवम राजनीति विज्ञान पुरोधा डा दीना नाथ सिंह ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता को बचाना है तो हिन्दी को अपनाना होगा। अनेक बोलियों को भाषा में लाने का काम हिंदी कर रही है। हिंदी को राजभाषा का दर्जा तो मिल गया लेकिन अभी राष्ट्र भाषा नही हो सकी है। संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों की चर्चा करते हुए डा सिंह ने कहा कि जब हिंदी समृद्ध होगी तब हमारा देश और समृद्ध होगा। आभासीय फलक पर जुड़े सभी का स्वागत करते हुए टी डी पी जी कॉलेज जौनपुर,हिंदी विभाग की अध्यक्ष डा सुषमा सिंह ने कहा कि हिन्दी को उसकी वैज्ञानिकता के कारण पूरे विश्व में अपनाया जा रहा है। टी डी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा माया सिंह ने कहा कि हिंदी जोड़ने वाली भाषा है।यह बहुत विराट है इसका स्वरूप बड़ा विस्तृत है। हमें हिंदी को बढ़ावा देना चाहिए। रज्जू भैया राज्य विश्विद्यालय प्रयागराज के हिंदी विभाग के प्रो आशुतोष सिंह ने प्रयोजन मूलक हिंदी पर जोर दिया और कहा की यह विश्व बंधुत्व की भाषा है। धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के संयुक्त मंत्री डा जगदीश सिंह दीक्षित ने व कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज वाराणसी की हिन्दी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा सुमन सिंह ने किया।
डा जगदीश सिंह दीक्षित
राम जानकी धाम कॉलोनी,शिवपुर, वाराणसी।