बच्चों में सीखने की ललक पैदा करना शिक्षक का दायित्व : डॉ ओ पी चौधरी
1 min readबच्चों में सीखने की ललक पैदा करना शिक्षक का दायित्व : डॉ ओ पी चौधरी
डिजिटल लाइब्रेरी आज की सबसे बड़ी आवश्यकता

वाराणसी । शिक्षा का उद्देश्य है बच्चों का बहुमुखी विकास। शिक्षा ऐसी हो जो विद्यार्थियों को संस्कारवान,चरित्रवान,नैतिक,भारतीय संस्कृति का संवाहक और मूल्यपरक गुणों से युक्त बना सके,ताकि वे एक जागरूक नागरिक के रूप में समाज और राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दे सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कौशल विकास को प्राथमिकता दी गई है,तकनीकी युक्त शिक्षा पर जोर दिया गया है। ऐसे में डिजिटल लाइब्रेरी आज की बहुत बड़ी आवश्यकता है,जिसमें एक क्लिक पर अपनी जरूरत की पुस्तकें पढ़ सकते हैं। एक ही स्थान पर बैठकर देश विदेश में प्रकाशित सर्वोत्तम साहित्य का अध्ययन कर सकते हैं। बच्चे ही कल के राष्ट्र निर्माता हैं। सभी अभिभावकों को उन्हें सदमार्ग पर चलने हेतु प्रेरित करने और अच्छी शिक्षा हेतु हमेशा उद्यत रहना चाहिए। बच्चों से दृढ़ निश्चय,निश्चित लक्ष्य और पूरी तन्मयता के साथ पढ़ने हेतु प्रेरित करने हेतु अनेक ऐसे प्रसंगों का उल्लेख किया। उक्त उदगार श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज वाराणसी के कला,मानविकी और सामाजिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष डा ओ पी चौधरी ने अमित कोचिंग सेंटर में नई स्थापित डिजिटल लाइब्रेरी के उदघाटन व कोचिंग के वार्षिक उत्सव के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए व्यक्त किए। डा चौधरी ने डा राधाकृष्णन के व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला। डिजिटल लाइब्रेरी का फीता कटकर छेदी लाल वर्मा (ऑपरेटर) एवम श्याम दुलारी देवी चुप्पेपुर ने किया,जो कोचिंग संस्थान के निदेशक अरूण सिंह के पिताजी व माताजी हैं।

विशिष्ट अतिथि के रूप में चंद्र शेखर आजाद कृषि विश्विद्यालय कानपुर के अवकाश प्राप्त प्रो ए पी शर्मा ने कोचिंग के अध्यापन और मासिक टेस्ट की प्रशंशा करते हुए वहां के अध्यापकों की सराहना भी किया। उन्होंने बच्चों से पूर्ण मनोयोग से अध्ययन करने हेतु प्रेरित किया। इस अवसर पर बच्चों ने अनेक रंगारंग और मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी मेघा का परिचय दिया। निदेशक अरुण सिंह, अजीत सिंह एडवोकेट ने दोनों अतिथियों का माल्यार्पण व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। अमित सिंह,प्रबंधक कोचिंग सेंटर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन साहिल तथा कुशाल ने बड़े ही सधे अंदाज में किया। इस अवसर पर शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर मां सरस्वती तथा डा राधा कृष्णन ने चित्र पर माल्यार्पण कर हुआ।