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Why Counting Delayed For Rajya Sabha Polls In Maharashtra – राज्यसभा चुनाव: महाराष्ट्र की मतगणना में क्यों हुई घंटों की देरी?

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भाजपा ने कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड (एनसीपी), यशोमती ठाकुर (कांग्रेस) और सुहास कांडे (शिवसेना) द्वारा डाले गए वोटों को चुनौती दी.

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भाजपा ने आरोप लगाया कि जितेंद्र आव्हाड और यशोमती ठाकुर ने अपने मतपत्र केवल दिखाने के बजाय अपने पार्टी एजेंटों को दिए, जबकि सुहास कांडे ने कथित तौर पर दो अलग-अलग एजेंटों को अपना मतपत्र दिखाया.

एक संवैधानिक विशेषज्ञ ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “मतगणना तब तक शुरू नहीं की जा सकती, जब तक चुनाव आयोग अपना फैसला नहीं दे देता, क्योंकि जीत का कोटा तब तक निर्धारित नहीं किया जा सकता, जब तक कि वैध वोटों की संख्या तय नहीं हो जाती.”

महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटें हैं. भाजपा ने तीन उम्मीदवार, शिवसेना ने दो और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने एक-एक उम्मीदवार खड़े किए हैं.

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, गजेंद्र सिंह शेखावत, जितेंद्र सिंह और अर्जुन राम मेघवाल सहित भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मतदान समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग से मुलाकात की और जांच और तीन वोट रद्द करने की मांग की.

चुनाव आयोग को दिए अपने ज्ञापन में, भाजपा ने कहा कि आयोग ने 2017 में गुजरात में कांग्रेस नेता अहमद पटेल के चुनाव से जुड़े मामले में कहा था कि किसी की पार्टी के चुनाव एजेंट के अलावा किसी और को मतपत्र दिखाने पर वोट अमान्य है.

भाजपा के प्रतिनिधित्व के बाद, कांग्रेस ने यह भी मांग की कि चुनाव आयोग भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार और निर्दलीय विधायक रवि राणा के वोटों को अमान्य कर दे.

राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में कहा कि मुनगंटीवार ने अपनी पार्टी के चुनाव एजेंटों के अलावा अन्य लोगों को अपना मतपत्र दिखाकर मतदान प्रक्रिया को खराब किया.

पटोले ने आरोप लगाया कि रवि राणा ने खुले तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ किया और अन्य मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की.

महाराष्ट्र में शुक्रवार को कुल 285 विधायकों ने वोट डाला. छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार हैं, जिससे छठी सीट पर मुकाबला है.

भाजपा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, राज्य के पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और पूर्व सांसद धनंजय महादिक को मैदान में उतारा है.

शिवसेना ने संजय राउत और संजय पवार को मैदान में उतारा है. एनसीपी ने प्रफुल्ल पटेल को और कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को मैदान में उतारा है.

प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए पहली वरीयता के वोटों का कोटा 41 होना चाहिए, क्योंकि मतदाताओं की कुल संख्या 288 से घटकर 285 हो गई.

कर्नाटक में तीन सीटें बीजेपी और एक कांग्रेस के खाते में गई हैं. एचडी कुमारस्वामी की जनता दल सेक्युलर बाहर हो गई है.

कांग्रेस ने राजस्थान की चार राज्यसभा सीटों में से तीन पर भाजपा सदस्यों के क्रॉस वोटिंग से जीत हासिल की है. एक सीट बीजेपी के खाते में गई है.

राज्यसभा में 15 राज्यों की 57 सीटें खाली हो गई थीं, सबसे ज्यादा 11 उत्तर प्रदेश में हैं. इसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु (6 प्रत्येक), बिहार (5), कर्नाटक, राजस्थान और आंध्र प्रदेश (4 प्रत्येक), मध्य प्रदेश और ओडिशा (3 प्रत्येक) पंजाब, झारखंड, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना (2 प्रत्येक) और एक सीट उत्तराखंड से है. इसमें एकतालीस उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं.

 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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