व्यापक होते किसान आंदोलन से प्रशासन के छूट रहें हैंं पसीने ….
1 min readव्यापक होते किसान आंदोलन से प्रशासन के छूट रहें हैंं पसीने ….
दमन का रुख अख़्तियार करते हुए सरदार सेना के राष्ट्रीय सचिव आत्माराम पटेल को स्थानीय प्रशासन ने लिया हिरासत …जिन्हे देर रात्री को छोड़ा गया !
विजय चौधरी /सह संपादक
अम्बेडकरनगर। कृषि विधेयक बिल के विरोध को लेकर पूरे देश की सियासत गर्म हो चली है । एक तरफ सरकार जहाँ इसे लागू करने पर तुली हुई है वहीं किसानों का विरोध निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है । विरोध की व्यापकता इस कदर बढ़ना शुरू हो गया है कि कई अन्य संगठन भी अब किसानों के सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिये हैंं । यह विरोध अब आंदोलन का रूप ले चुका है । जिसमें सैकड़ों से ऊपर किसानों ने अपने जान भी गवां चुकें हैंं । फिर भी किसानों के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी है और वे अपनी मांग पर अडिग हैंं ।
आगामी गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा के फ़रमान से शासन एवं प्रशासन के पसीने छूट रहें हैंं । पहले भी प्रशासन द्वारा इस आंदोलन को विफल करने के लिए कई बार दमनात्मक रवैये भी अपनाये गये । फिर भी किसानों के साहस के आगे प्रशासन अपने मंसूबे में असफल ही रहा । परन्तु गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा का किसानों द्वारा किया गया फ़रमान इस आंदोलन को एक नया मोड़ दे दिया है जिसको लेकर प्रशासन के हाथ पांव अभी फूलना शुरू हो गयें हैंं ।
इसी क्रम में जनपद के बहुत ही तेज तर्रार , जुझारू युवा आत्माराम पटेल , जिसने अपने बुलंद हौसले के बलबूते बहुत ही कम समय में सेना में मजबूत धार पैदा कर अपने नाम का झंडा राष्ट्रीय फलक पर ला दिया , और उसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सचिव के पद पर आसीन किया गया ।
आगामी गणतंत्र दिवस पर एवं किसानों को मिल रहे व्यापक समर्थन को देखते हुए प्रशासन के हाथ पांव फूलना अभी से शुरू हो गया है । उनकी मंशा के रोड़ा बने सरदार सेना की कामयाबी आज उनके दमन का पहला निशाना बना । जिस क्रम सरदार सेना के राष्ट्रीय सचिव आत्माराम पटेल को जनपद की भीटी पुलिस ने अपने हिरासत में ले लिया । यह खबर जंगल की आग की तरह सरदार सेना सहित अन्य संगठनों को आंदोलित कर चुकी है । आगे अन्जाम क्या होगा ? यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है ।