संकल्प दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया गया सोनेलाल पटेल जयंती …..

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संकल्प दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया गया सोनेलाल पटेल जयंती …..

बसपा प्रदेश महासचिव रहे डॉ .सोनेलाल पटेल को कांशीराम का तंज “कुर्मी समाज कभी नेतृत्व नहीं कर सकता ” काफी आहत किया ! …सी एल पटेल राष्ट्रीय सचिव

उदार छवि व जनसेवा भाव से लैस डॉ .सोनेलाल समाज सेवा के लिए सेकेण्ड लेफ्टीनेंट का पद को भी ठोकर मार दी : वंदना पटेल अध्यक्ष महिला मंच

डॉ .साहब के शरीर का एक एक क़तरा रक्त अंतिम समय तक समाजसेवा के समर्पित रहा : जयप्रकाश पटेल जिलाध्यक्ष

डॉ .साहब के आदर्शों पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रधांजलि होगी : सुरेन्द्र प्रताप पटेल

विजय चौधरी / सह संपादक

अम्बेडकरनगर। अपना दल संस्थापक डॉ .सोनेलाल पटेल का 72 वां जन्मदिवस बड़े ही धूमधाम से संकल्प दिवस के रूप कटेहरी में मनाया गया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अपना दल कमेरा वादी के जिलाध्यक्ष जयप्रकाश पटेल , मुख्य अतिथ राष्ट्रीय सचिव सी एल पटेल व संचालन सुरेन्द्र प्रताप पटेल ने किया ।
मुख्य अतिथ ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बताया कि दो जुलाई 1950 को फरुखाबाद जनपद छीबरा मऊ , गोबिंद प्रसाद व रानी देवी के आठवीं सुत की जनसेवा के दृढ़निश्चयी भाव ने बसपा के प्रदेश महासचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर होते हुए भी कभी अनीति व अन्याय से समझौता नहीं किया । उन्हें बसपा संस्थापक कांशीराम के कथन “कुर्मी समाज कभी नेतृत्व नहीं कर सकता ” से काफी आहत हुए और प्रदेश ही नहीं पूरे देश के समाज को जागृत कर नयी ऊर्जा फूंकने का ऐतिहासिक कार्य किया । काफी हद तक सफलता भी अर्जित की पर इनके तेजी से बढ़ते यह क़दम विरोधियों को रास नहीं आया और कूटरचित ढंग से इस यशकाया को विकृत करने का कायरता हमला करवाया । फिर भी डॉ .साहब अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहे । और उनकी विचारधारा अमर हो चली ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला मंच की अध्यक्ष वंदना पटेल ने अपने संबोधन में लोगों को बताया कि आज के दौर में जब बेरोजगारी अपने चरम पर है , लोग रोजगार पाने के लिए एड़ी से चोटी की ताकत लगाकर हर हाल में हासिल करना चाहते हैंं । वहीं उदार छवि के सोनेलाल पटेल ने समाज में व्याप दारुण दमन से व्यथित होकर समाजसेवा को प्राथमिकता देते हुए अपनी सेकण्ड लेफ्टिनेंट जैसे सम्मानित पद को ठोकर मारकर समाजसेवा को ही गले लगाया ।


आयोजन की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष जयप्रकाश पटेल ने डॉ .साहब के कृत पर प्रकाश डालते हुए लोगों को बताया कि 19 नवम्बर 1994 को निकली रथयात्रा की अभूतपूर्व सफलता ने सभी सियासी दलों को झकझोर कर रख दिया । जिससे भयभीत सभी सियासतदां ने इस कारवां को कुचलने का कुचक्र रचने लगे । उनके ऊपर प्राणघातक हमले भी करवाये गये । फिर भी वे विचलित नहीं हुए । पर 17 अक्टूबर 2009 की वह मनहूस पल जब समूचा देश दीपोत्सव पर्व के जश्न में डूबा हुआ था । डॉ .साहब का यशकायी काया ने कार दुर्घटना में अपना प्राण दिया । ऐसे में डॉ .साहब के शरीर से निकले एक एक कतरा रक्त समाज सेवा के लिए समर्पित रहा । हम उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाने देगें । आयोजन का संचालन कर रहे सुरेन्द्र प्रताप पटेल ने डॉ .साहब के कुर्बानी पर वृहद प्रकाश डालते हुए लोगों से आग्रह किया कि डॉ .साहब के आदर्शों पर चलकर हम उनके मिशन की मशाल बुझने नहीं देंगें । यही हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
इस अवसर पर शशिकांत पटेल , अरविन्द पटेल , अनिल कुमार , राम बहादुर , कृपाशंकर सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे ।

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