जिला अस्पताल के फिजिशियन की अपील, लक्षण दिखते ही तुरन्त कराएं जांच
1 min readजिला अस्पताल के फिजिशियन की अपील, लक्षण दिखते ही तुरन्त कराएं जांच
अम्बेडकरनगर। शहर में कोविड संक्रमण दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में जागरूकता और कोविड नियमों का पालन करना बेहद जरूरी हो गया है। महामारी के दंश से बचने के लिए मास्क, शारीरिक दूरी और सैनिटाइजेशन के साथ वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है। संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत अपने नजदीकी सेंटर पर जाकर जांच कराएं और संक्रमण से स्वयं और अपने परिवार को सुरक्षित रखें। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ मनोज शुक्ला ने यह बात कही। उन्होंने बढ़ते कोरोना संक्रमण से मरीजो। की संख्यामे हो रही बेतहाशा वृद्धि पर लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। अवधी खबर से विशेष बातचीत में उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह समय धैर्य रखने का है। धैर्य रखने से ही इस संक्रमण से जीता जा सकता है। डॉक्टर शुक्ला ने बताया कि लोग आज भी कोरोना संक्रमण को बताने से अथवा जांच कराने से परहेज कर रहे हैं। लोग इसे ऐसी बीमारी समझ रहे हैं जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर आच आ सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और इसकी जांच कराने में देरी होने पर ही यह उचित इलाज के अभाव में जानलेवा होता जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कोरोना गाइड लाइन का अनुपालन करना हम सबके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही किसी भी बाहरी सामान को छूने पर हाथ को साबुन से अच्छी तरह होने अथवा उसे सेनेटाइज करना चाहिए ।दिन में कम से कम 4 से 5 बार हाथ को साबुन से अच्छी तरह से रगड़ रगड़ साफ करना चाहिए । उन्होंने मास्क लगाने के तरीके बताते हुए कहा कि ज्यादातर लोग मास्क को नाक के पास से पकड़ कर ऊपर चढ़ाते हैं जो बेहद खतरनाक साबित होता है। मास्क को कभी इसी बीच से ऊपर ना उठाएं बल्कि कान पर लगी डोरी के माध्यम से ही उसे नीचे या ऊपर करें ।सर्जिकल मास्क को 5 से 6 घंटे उपयोग करने के बाद उसे ऐसे स्थान पर फेंके अथवा नष्ट कर दे जहां पर लोगों का आवागमन कम रहता हो । सूती मास्क को प्रतिदिन साबुन से अच्छी तरह धूल कर ही प्रयोग में लाएं। डॉ शुक्ला ने कहा कि मौजूदा समय में ज्यादातर मरीज सांस फूलने की परेशानी के कारण आ रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि लोग समय पर जांच नहीं करा रहे ।एक हफ्ते से बुखार खांसी जुकाम से पीड़ित लोग स्थानीय चिकित्सकों से इलाज कर संक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। यदि समय रहते जांच हो जाय तो उन्हें सही समय पर उचित इलाज उपलब्ध हो सकता है तथा उनकी जान खतरे में नहीं पढ़ सकती है । उन्होंने स्पष्ट किया कि लोग ऐसे समय में जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं जब संक्रमण उनके फेफड़े को अपनी जद में ले चुका होता है ।ऐसी स्थिति में वह गम्भीर हालत में होते हैं। डॉ मनोज शुक्ला ने जनपद वासियों से अपील की कि वे कोरोना संक्रमण को लेकर बिल्कुल लापरवाही ना बरतें तथा जुखाम ,बुखार, बदन दर्द अथवा खांसी की शिकायत होने पर तुरंत कोरोना की जांच कराएं जिससे वह खुद के साथ-साथ अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सकें।