हृदय रोगियों की सीपीआर से बचाई जा सकती है : डॉo शिव शक्ति प्रसाद द्विवेदी
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वाराणसी (अवधी खबर)। श्री अग्रसेन कन्या पी०जी० कॉलेज, वाराणसी के परमानन्दपुर परिसर के वीरांगना सभागार में सीपीआर विषयक एकदिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला का संचालन करते हुए राज्य चिकित्सा अधिकारी डॉo शिव शक्ति प्रसाद द्विवेदी ने सीपीआर (कॉर्डियो पल्मोनरी रेसिस्टेशन) का प्रशिक्षण देते हुए कहा कि आपात स्थिति में प्रयोग की जाने वाली एक तरह की प्राथमिक चिकित्सा है। जिसे हम दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की अथवा अचानक आये हुए कार्डियक अरेस्ट और साँस न ले पाने की स्थिति में व्यक्ति को प्रदान करते हैं। बेहोश व्यक्ति को साँसें दी जाती हैं जिससे उसके फेफड़ों को ऑक्सीजन मिले। उन्होंने अपने साथ लाये हुए एक मॉडल चेस्ट के ऊपर दबाव देकर तथा मुँह से हवा प्रदान कर उपस्थित लोगों को डेमो के माध्यम से सीपीआर विधि को समझाया और बताया कि एक बेहोश व्यक्ति की साँसें प्रायः रूक जाती हैं और धड़कन भी रुक जाती है तो पर्याप्त ऑक्सीजन के अभाव में शरीर की कोशिकाएँ बहुत जल्दी खत्म होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में यदि हम सीपीआर प्रदान कर दें तो इससे जान बचने की सम्भावना बढ़ जाती है।

डॉ० द्विवेदी ने यह भी बताया कि यह एक तरह की प्रक्रिया है जिसमें किसी तरह की दवा या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं होता है बल्कि मरीज के छाती पर प्रेशर देकर उसकी साँस वापस लाने या दिल की धड़कन सामान्य हो जाने तक दबाव दिया जाता है। जिससे पहले से शरीर में मौजूद खून संचालित होने लगता है और मरीज की जान बच सकती है। डॉ० द्विवेदी एवं उनके सहयोगी प्रह्लाद उपाध्याय सहित अन्य उपस्थित शिक्षकों, छात्राओं एवं कर्मचारियों का स्वागत करते हुए कहा कि वास्तव में शिक्षक जीवन जीने की कला सिखाते हैं और डॉक्टर ईश्वर तुल्य हैं जो जीवन बचाते हैं।

कार्यक्रम का आयोजन कॅरियर एवं काउंसिलिंग सेल, मनोविज्ञान विभाग के सह-समन्वयक डॉ० आराधना श्रीवास्तव की देखरेख में सम्पन्न किया गया। संचालन डॉ० विभा सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग प्रो० ओ०पी० चौधरी ने किया। इस अवसर पर डॉ० द्विवेदी को महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो० मिथिलेश सिंह द्वारा स्मृति चिह्न एवं अंगवस्त्रम् प्रदान कर सम्मानित किया गया।