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ग़म-ए-हुसैन में होता जा रहा है इज़ाफ़ा

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अंबेडकरनगर। कस्बा जलालपुर पूर्वांचल में अजादारी के मामले में अपनी अलग पहचान रखता है। सोमवार पांचवीं मुहर्रम से मजलिसो मातम, जुलूस का क्रम तेज हो गया है। नगपुर के मुस्तफाबाद मजरे में पंचायती कदीमी मातमी जुलूस हैदरी मस्जिद से रवाएती अंदाज में निकला।
अलम, दुलदुल जैसे तबर्रुकात के साथ निकले जुलूस में शामिल अंजुमनों ने नौहाखानी करते हुए भ्रमण किया। अंजुमन जाफरिया मुस्तफाबाद के अतिरिक्त रौनके इस्लाम, जाफरिया कदीम व अंजुमन जीनते इस्लाम ने गमों में डूबे हुए कलाम प्रस्तुत किए तो अजादार अपने आंसू नहीं रोक सके। जुलूस देर रात्रि करेली तल स्थित हुसैनी इमाम बारगाह में समाप्त हुआ। जुलूस की निगरानी गुलजार मेहदी, याकूब अली, कर्रार हुसैन, जहीर हसन, इमरान अब्बास आदि कर रहे थे। वाजिदपुर में रिजवान अब्बास की तरफ से जुलूस निकाला गया। मौलाना जीशान हैदर ने संबोधित किया। अंजुमन हैदरिया, पंजतनी, अंजुमन रौनके अजा ने नौहामातम किया। देर रात्रि बाबा शाह फरीद कर्बला में पहुंच कर कार्यक्रम का समापन हुआ। कस्बा प्रभारी वीपी यादव के हमराह शाकिर अली, रोहित सिंह सुरक्षा के प्रति सजग रहे। वजीर हसन, मोहम्मद शाहिद, सादिक अब्बास, मेहदी हसन, शम्सुल हसन मौजूद रहे। इसके अलावा जाफराबाद स्थित हाजी अली इमाम, याकूब अली कर्बलाई, कल्बे हसन, इब्ने हसन, हसन उर्फी, मौलाना रमज़ान अली, हाजी फैय्याज हुसैन रन्नू खां का पूरा, बादशाह हुसैन के आवास पर मजलिसों का सिलसिला रहा। ननेसर, सोनगांव, उफरौली, भीखपुर, लखनिया, हुसैनपुर, मछलीगांव जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में मजलिसों का दौर जारी है।

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