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ईमान वाले समाज को अच्छाईयों की ओर ले जाने का करते हैं जतन : मौलाना मोहम्मद मोहसिन

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अंबेडकरनगर। फर्शे मजलिस पर किया जाने वाला कर्बला की त्रासदी से संबंधित बयान फिर्फ जिक्र नहीं बल्कि शोषित, पीड़ित और टूटे दिलों की दवा है। कर्बला हक का सीधा रास्ता है, इस पथ पर चलने वाले कभी गुमराह और बेवफा नहीं हो सकते हैं। यह उद्वगार दिल्ली से आए मौलाना कल्बे रूशैद रिजवी ने नगर के मोहल्ला बरवां-नासिरपुर में व्यक्त किया। वह मेहदी हसन उर्फ बब्बन की ओर से आयोजित दिवंगत शब्बीर हुसैन इब्ने दिलदार हुसैन तथा रफीकुल बीबी बिंते साबिर अली के पुण्य हेतु मजलिस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि भावी पीढ़ी बर्बाद न हो इस लिए हम लोग वास्तविक जीवन का निर्वाह करते हैं। इमाम हुसैन सब्र, शुक्र, शुजाअत व शहादत के परिचायक हैं। उनका संदेश तथा बलिदान पूरी इंसानी बिरादरी के लिए है। इसी क्रम में वसीका अरबी कालेज अयोध्या के प्रधानाचार्य मौलाना सैयद मोहम्मद मोहसिन ने अजादारों को संबोधित करते हुए कहा खालिके अस्र, अस्र की कसम के साथ इरशाद फर्माता है, कसम है जमाने की कि इंसान घाटे में है सिवाए उनके जो जो ईमान लाए और अपने ईमान का सुबूत अपने नेक अमल से दे रहे हैं। और खुद ही साहबे ईमान व किरदार नहीं रहते बल्कि जमाने एवं समाज को अच्छाईयों की ओर ले जाने का जतन करते हैं। कुरान के पाठ सहित अनेक लोगों ने कलाम प्रस्तुत किया। संचालन का उत्तरदायित्व अरशी मौलाई ने निभाया।

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