सादिक़ लक़ब है आते हैं दुनिया में सबके काम….
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अंबेडकरनगर। हुजूरे अकरम पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब फरमाते हैं कि रजब खुदा का महीना, शाबान मेरा और माहे रमजान मेरी उम्मत का महीना है। रजब महीने में रोजा रखने वाला शख्स अल्लाह की खुशनूदी का हकदार होगा।
उक्त विचार नगर के मोहल्ला मीरानपुर स्थित मोहम्मद अस्करी नक़वी आबिस के आवास पर मंगलवार को कूंडे यानी 22 रजब की विशेष नज्र के बाद व्यक्त किया। इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम के हवाले से उन्होंने आगे कहा बकौल रसूले अकरम रजब मेरी उम्मत के लिए अस्तगफार, माफी का महीना है। इस महीने रोजा रखने वाले के लिए जो सवाब है वह खुदा के सिवा कोई नहीं जानता। मौलाना मोहम्मद अब्बास रिजवी के अनुसार माहे रजब के बारे में रसूले अकरम ने फरमाया है कि इस महीने में एक रात ऐसी है कि अगर इस रात इबादत की जाए तो परवर दिगार 60 साल की इबादत का सवाब देगा। यह रात संभवतः रजब की पहली शबे जुमा अथवा शबे 27 रजब है। इस महीने में रोजा रखना, फकीरों को सदका देना और अपने खानदान वालों से मुलाकात करने का बहुत ज्यादा सवाब है। मौलाना अली अख्तर जैदी बिजनौरी ने मीरानपुर में सैयद सज्जाद हुसैन रिजवी, सरवर हुसैन जैदी, हसन अस्करी मजलिसी, शायर क़मर अकबरपुरी, क़ासिद अकबरपुरी, असर अकबरपुरी, डा. आमिर अब्बास, मेहदी रजा, इम्तियाज हुसैन, ग़ालिब अब्बास, रज़ा अनवर, रियाज़ हुसैन, अलमदार हुसैन, बब्बी, बाक़र रज़ा, सज्जाद अस्करी आदि की उपस्थिति में कहा कयामत के दिन अल्लाह तआला आवाज देगा रजबी लोग कहां हैं तो कुछ लोग खड़े होंगे जिन्हें परवर दिगार बगैर हिसाब किताब के जन्नत में दाखिल करेगा। यह वही लोग होंगे जिन्होंने रजब में कम से कम एक रात इबादत की होगी। इसके अतिरिक्त स्वजनों से मेलजोल रखने वाले लोगों का परवर दिगार की बारगाह में विशेष स्थान होगा। मौलाना शाहिद हुसैन रिजवी ने 22 रजब की महिमा बयां करते हुए कहा ऐ मोमिनों नियाज दिलाओ इमाम की, बाकर के लाल साहिबे आली मकाम की। हसनैन के वो लाडले जाफर है उनका नाम, सादिक लकब है आते हैं दुनिया में सबके काम। मोहल्ला गदायां में अंजुमन पंजतनी, अब्दुल्लाहपुर में अंजुमन हैदरिया, लोरपुर में अंजुमन मासूमिया व हुसैनिया के अलावा सिंझौली, पीरपुर, इमामबाग़, अली कालोनी, ज़हरा कालोनी,
में भी अकीदतमंदों की ओर से घरों, अजाखानों में नज्रो नियाज का दौर चला और एक दूसरे के यहां जाकर लोगों ने तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठाया एवं दुआएं मांगी।