मेडिकल कालेज पहुंच कर डीजी एमई ने निरीक्षण कर परखी हकीकत…
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अम्बेडकरनगर, अवधी खबर (बृजेश कुमार)। महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज सद्दरपुर कई महीनों से विवादों के घेरे था। जहां प्रधानाचार्य के खिलाफ इंसेप्ट, और जेआर की नियुक्ति के नाम पर जबरन अवैध धन वसूली का आरोप प्रत्यारोप लगा था। छात्रों को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था। जिसका विरोध छात्रों द्वारा जब किया गया तो मामला जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर तक पहुंच गया। 2 जनवरी से 21 बैच के छात्रों का परीक्षा चालू हुआ है। 46 छात्रों का उपस्थिति 60 प्रतिशत दर्ज होने के कारण परीक्षा से वंचित कर दिया गया। वहीं दूसरी तरफ छात्रों का कहना है कि हम सभी छात्रों का उपस्थिति दर्ज था। लेकिन प्रधानाचार्य ने जान जानबूझकर सभी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। प्रधानाचार्य डॉ.संदीप कौशिक के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाया जा रहा था। छात्रों द्वारा दो दिनों से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। हालांकि जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन के हस्ताक्षेप के बाद छात्रों ने ओपीडी को बहाल कर दिया था। माना जा रहा है कि डीएम ने इन्हीं सब मामले को लेकर शासन को रिपोर्ट भेजा था। जिसके बाद उच्च स्तरीय जांच का आदेश जारी हुआ था। जहा 4 जनवरी को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा उत्तर प्रदेश श्रुति सिंह ने अपनी टीम के साथ मेडिकल कालेज पहुंच कर प्रशासनिक सभा कक्ष में कॉलेज के फैकल्टी के साथ एक – एक करके सभी से वार्ता किया। चिकित्सकों ने कॉलेज प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया। जेआर एवं डिमांस्ट्रेटर नियुक्ति की प्रक्रिया में मनमानी का मुद्दा भी उठाया। सूत्रों की माने तो कुछ चिकित्सकों ने भी अवैध वसूली सहित कई गंभीर मामलों का भी जिक्र किया।

इसके बाद पीड़ित छात्रों से भी डीजी एमई श्रुति सिंह, विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा अनिल कुमार, एडिशनल डायरेक्टर डॉ,एन सी प्रजापति ने अकेडमी ब्लॉक के सभागार कक्ष में बात किया। छात्रों ने शारिरिक शोषण सहित कई मुद्दा उठाया। छात्रों ने यह भी बताया कि कॉलेज के कर्मचारी और एक बाहरी व्यक्ति द्वारा छात्रों की काउंसलिंग की जाती हैं। डीजी एमई ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि मेडिकल कालेज में कुछ समस्याएं चल रही थी। स्टूडेंट्स क्लास नहीं करने जैसी बात थीं डीएम ने एक रिपोर्ट भेजी थीं कि अनरेस्ट का माहौल बना हुआ है। इसी की जांच करने मैं अपनी के साथ आई थीं। जैसा कि मेरी बात कॉलेज के प्रधानाचार्य, छात्रों, कॉलेज प्रशासन, फैकल्टी और डीएम से बात हुई हैं। सभी मामले को संज्ञान में लिया है। जो भी कमियां पाई गयी हैं, उसमें उचित कार्यवाही की जाएंगी।