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परीक्षा से वंचित किये जाने से आधा दर्जन छात्रों की तबियत खराब, छात्रों ने प्राचार्य के विरुद्ध की नारेबाजी

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अम्बेडकरनगर (शबीह अब्बास सीबू)। राजकीय मेडिकल कालेज से विवादों का साया खत्म होने का नाम नही ले रहा है। परीक्षा से वंचित किये जाने से आज आधा दर्जन छात्रों की तबियत खराब हो गयी। जिन्हें मेडीकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया है। छात्रों की तबीयत खराब होने के बाद बड़ी संख्या में छात्र वहां उपस्थित हो गये और प्राचार्य के विरुद्ध नारेबाजी की और अपना विरोध जताया। आज से शुरू हुई परीक्षा में 46 छात्र परीक्षा से वंचित किए गए हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यूनिवर्सिटी द्वारा इन छात्रों को परीक्षा से वंचित किया गया है क्योंकि इनकी उपस्थिति कम थी। बिगत दिनों भी मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने डीएम को पत्र लिखकर प्राचार्य पर धमकी देने का आरोप लगाया था। जिस संबंध में अपर जिलाधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक की कमेटी जांच के लिए नियुक्त हुई थी।

राजकीय मेडिकल कॉलेज सदरपुर में पिछले 3 महीने से लगातार उथल-पुथल मचा हुआ है। छात्रों और मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के बीच विवाद गहराता जा रहा है। आज शुरू हुई परीक्षा में 100 में से 46 छात्र वंचित कर दिए गए क्योंकि उनकी उपस्थिति कम थी। परीक्षा से वंचित किए जाने से सदमे में आए आधा दर्जन छात्रों की तबीयत खराब हो गई जिन्हे आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। साथी छात्रों की तबीयत खराब होने की सूचना पर बड़ी संख्या में वहां छात्र पहुंच गए और प्राचार्य के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। छात्रों का कहना है कि पूर्व में उन लोगों ने मेडिकल कॉलेज में हो रही वसूली का विरोध किया था। जिस पर प्राचार्य ने कम उपस्थिति दिखाकर परीक्षा से वंचित करने की धमकी दी थी और आज 46 छात्रों को परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया गया है। वही इस संबंध में जब प्राचार्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि धमकी जैसी कोई बात नहीं है और ना ही उनके द्वारा छात्रों को परीक्षा से रोका गया है। अलग-अलग विभागों से जो छात्रों की उपस्थिति आई थी उसे यूनिवर्सिटी भेज दिया गया है। यूनिवर्सिटी नियमों के अनुसार कम उपस्थित वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने से रोका है। जिस छात्र की जिस विषय में उपस्थिति कम है उसी विषय में परीक्षा नहीं दे पाएंगे। बाकी विषयों में वह परीक्षा देंगे हर विषय मे सँख्या अलग अलग है। परीक्षार्थियों को धमकी देने से उन्होंने इनकार किया। मेडिकल कॉलेज में पिछले 3 महीने से लगातार विवाद चल रहा है पहले इंसेक्ट में वसूली का आरोप लगा उसके बाद छात्रों ने आरोप लगाया था कि अनुपस्थित होने पर उनसे 2 से ₹6000 की वसूली की जाती है। इस संबंध में जिलाधिकारी से भी शिकायत हुई थी जिस पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक की टीम गठित कर जांच सौंपी थी।

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