फातिमा जहरा की शहादत के मौके पर मजलिश व मातम का सिलसिला जारी
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अवधी खबर अंबेडकरनगर (इब्ने अली) पैगम्बर हज़रत मुहम्मद साहब की इकलौती बेटी हज़रत फात्मा जहरा की शहादत दिवस पर नगर एवं आस पास क्षेत्रों में विगत दो दिनों से मजालिस व मातमी जुलूसों का सिलसिला जारी है। नगर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में शोक का माहौल है। हज़रत फात्मा जहरा की शहादत दिवस पर नगर के जाफराबाद स्थित बड़ी इमाम बारगाह में बुतूल एकेडमी के तत्वावधान में आयोजित यौम-ए-बुतूल कार्यक्रम में मौलाना सय्यद नदीम असगर वाराणसी ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि हज़रत फात्मा जहरा का जीवन महिलाओं के लिए प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि महिलाएं हज़रत फात्मा जहरा के जीवन दर्शन को अपनाकर समाज में उत्कृष्ट शिखर पर पहुंच सकतीं हैं।इसी कड़ी में मौलाना जैगम अब्बास बाकरी ने कहा कि आज की महिलाएं हज़रत फात्मा जहरा की सीरत पर अमल करते हुए बच्चों को संस्कारिक बना सकतीं हैं। मौलाना कर्रार हुसैन तुराबी, मौलाना रमजान अली साबरी, मौलाना मीसम रज़ा जाहिदी, मौलाना मोहम्मद जावेद, अंसर जलालपुरी, मौलाना मोहम्मद अकील ने हज़रत फात्मा जहरा के जीवन पर प्रकाश डाला। संचालन जायर हुसैन सालिसी ने किया। इसके अलावा प्रातः में मस्जिद जैनुल आबेदीन से मौलाना जैगम अब्बास बाकरी की तकरीर के साथ मातमी जुलूस मुहल्ले का गश्त करता हुआ रौज -ए-हजरत अब्बास परिसर पहुचा। जहां मौलाना जाफर रज़ा जौहरी की तकरीर के बाद जुलूस समाप्त हुआ।हैदरी मस्जिद में दोपहर में मौलाना रईस हैदर ने मजलिस को खिताब किया। अंजुमन अजा-ए-हुसैन ने नौहा मातम किया।इसी कड़ी में बीती रात बड़े इमाम बाड़ा में मजलिस का आयोजन परम्परागत रूप से किया गया।जिसको मौलाना सैयद हसनैन बाकरी ने खिताब किया।भारी संख्या में उमड़े अजादारो ने मजलिस में शिरकत किया। अंजुमन अब्बासिया ने नौहा मातम किया।