फ़र्शे मजलिस पर आने वालों की मिसाल क़ुरानी आयात जैसी : मौलाना मोहम्मद मेहदी
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अंबेडकरनगर (अवधी खबर)। नगर के मोहल्ला गदायां में आजमगढ़ से आए मौलाना मोहम्मद मेहदी नकवी ने मरहूम सैय्यद नाजिम हुसैन इब्ने सैय्यद जहीर हुसैन के 40वें की मजलिस को सम्बोधित करते हुए कहा मजलिस के फर्श पर आने वाले मोमिनीन की मिसाल कुरान की आयतों जैसी है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा जिस प्रकार कुरान की छोटी बड़ी आयतें अलग-अलग समय पर नाजिल हुईं उसी प्रकार फर्शे मजलिस पर लोगों का आगमन भी मजलिस के जारी रहने तक होता रहता है।
सैय्यद जावेद अब्बास द्वारा अपने दिवंगत पिता व जनपद के मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी रहे नाजिम हुसैन के पुण्य हेतु आयोजित दूसरी मजलिस को खेताब करते हुए मुजफ्फरनगर से आए विद्वान मौलाना सैय्यद मोहम्मद हुसैन हुसैनी ने अय्यामे फात्मिया को शीर्षक बनाते हुए कहा करबला एक घंटे या एक दिन में नहीं बनी। जनाबे सैय्यदा की शहादत फिदक के कारण नहीं बल्कि विलायते अली की वजह से हुई। उन्होंने आगे कहा कि अंतिम हज की वापसी में 18 जिलहिज्ज सन् 10 हिजरी के दिन मैदाने खुम में पैगम्बरे इस्लाम ने सवा लाख हाजियों को संबोधित किया था। लेकिन विडम्बना यह है कि गदीरे खुम के सवा महीने के भीतर ही मृत्यु के पश्चात रसूले अकरम की शवयात्रा में गिने चुने लोग ही शामिल थे जो इस्लामी इतिहास की अत्यंत दुखद घटना है। सोजख्वानी हिफाजत हुसैन जलालपुरी और हमनवा तथा संचालन मौलाना नदीम अब्बास ने किया।