सत्यता को परखने और अल्लाह तक पहुंचने का उत्तम माध्यम है मासूमों की हदीस : मौलाना शब्बर
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अंबेडकरनगर (अवधी खबर)। मोहल्ला पीरपुर के बारगाहे मेहदिया में डाक्टर सैय्यद हैदर मेहदी एवं सैय्यद अहमद मेहदी द्वारा मरहूमा मां के ईसाल-ए-सवाब के लिए मजलिस का आयोजन किया गया। संचालन इर्शाद लोरपुरी और सोजखानी नैय्यर खान लोरपुरी ने किया।
मजलिस को संबोधित करते हुए लखनऊ से आए मौलाना शब्बर हुसैन ने कहा पवित्र कुरान में कुल 114 बूरा हैं। जो दो भिन्न स्थानों मक्का तथा मदीना में अवतरित हुईं। मक्का मुअज्जमा में नाजिल होने वाले 86 सूरा को मक्की और मदीना मुनव्वरा में उतरने वाले 28 सूरा को मदनी कहते हैं। इसी पुस्तक में परवर दिगारे आलम ने रूह की तारीफ को बयान किया है। मक्का में अवतरित होने वाले अधिकांश बूरा में अकीदा यानी आस्था का उल्लेख किया गया है। जबकि मदीना में नाजिल होने वाले ज्यादातर सूरा का संबंध अमल से है। मौलाना शब्बर हुसैन ने यह भी कहा कि मासूमीन अलैहिमुस्सलाम की पाक सुन्नत, वास्तविक्ता को जानने वाले इंसानों के लिए ईमान व श्रेष्ठता की एक ऐसी विरासत है जो उनके दिलो को आध्यात्म और अक्ल को बुद्धिमत्ता से भर देती है। सत्यता को परखने और अल्लाह तक पहुँचने की उत्सुकता रखने वाले लोग, हमेशा ही मासूमों की हदीसों की रौशनी में अमर रहने वाली नेकी व पवित्रता के संंमार्ग पर चलते रहे हैं। मजलिस समापन पर सैय्यद अब्बास मेहदी ने सभी के प्रति आभार जताया। उक्त अवसर पर सेवानिवृत्त प्रवक्ता महताब रजा रिजवी, मौलाना फैजी, सईद रिजवी, सैय्यद शब्बर हुसैन, मतलूब हुसैन रिजवी, मेहदी रजा, मोहसिन जाफरी सहित अनेक लोग मौजूद थे।