चिकित्सको की कमी से जूझ रहा भीटी सीएचसी
1 min readपिछले छः वर्षो से नही हो सकी महिला चिकित्सक की तैनाती

अवधी खबर
भीटी अंबेडकर नगर। भीटी तहसील क्षेत्र में चार लाख की आबादी में मात्र एक सीएससी है जिसकी हालत इतनी दयनीय है कि मात्र एक डॉक्टर दो फार्मासिस्ट एक लैब टेक्नीशियन और अधीक्षक के सहारे चल रहा है। अस्पताल में करीब 6 वर्षों से एक भी महिला डॉक्टर की तैनाती नहीं हो सकी है। जबकि इस सीएससी में 11 चिकित्सक, 15 स्टाफ नर्स, 9 वार्ड बॉय, 4 सफाई कर्मचारी, चार लैब टेक्नीशियन, 4 लैब सहायक, 2 फार्मासिस्ट सहित 60 स्टाफ से 70 स्टाफ की आवश्यकता है। लेकिन इस सीएससी की हालत इतनी दयनीय है कि जिसका यहां से तबादला हुआ उस जगह पर दूसरे डॉक्टरों की तैनाती नहीं की गई हर मरीज को रेफर कर देना पड़ता है जबकि जरूरतों में 90 बेड, 90 गद्दा, 190 बेडशीट, 30 ऑक्सीजन कस्ट्टेटर, 40 ऑक्सीजन सिलेंडर, 15 जंबो सिलेंडर, 10 सक्शन मशीन और 25 केवी के जनरेटर की आवश्यकता है।
जिसके सापेक्ष अस्पताल में 15 बेड, 10 गद्दा, 15 बेडशीट, 4 सिलेंडर एक्सएक्सएन मशीन पहले से उपलब्ध है। अस्पताल में मरीजों के लिए आरो लगा हुआ है लेकिन करीब 1 माह से आरो खराब पड़ा हुआ है। इंडिया मार्का हैंड पंप से गंदा पानी उबल रहा है और उसी से मरीज व तीमारदार अपनी प्यास बुझा रहे हैं। स्टाप की कमी होने के चलते 3 स्टाफ नर्स के सहारे 30 शैय्या अस्पताल का संचालन हो रहा है। 30 शैय्या अस्पताल करीब 8 वर्ष पहले बनकर तैयार हुआ था लेकिन आज तक एक भी महिला डॉक्टर की तैनाती नहीं हो पाई है।
ऐसी स्थिति में सरकार को दोषी माना जाए या सीएमओ को इस विषय पर जब सीएससी अधीक्षक ओम विकास मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कई बार पत्राचार किया गया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सबसे दुखद बात तो यह है कि अस्पताल में पूरी तरह से दवाओं का टोटा पड़ा हुआ है आयुर्वेद की दवा से ही काम चलाना पड़ रहा है। गैस की दवा नदारद है पैरासिटामोल भी नहीं मिल पा रहा है तो हम अस्पताल कैसे चलाएं।
*राजनीति का अड्डा बना भीटी सीएचसी*
भीटी सीएचसी में लगातार राजनीति का उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहा है ऐसी स्थिति में मरीज मार खा रहा है लगातार डॉक्टरों में तालमेल ना होना इसका सबसे बड़ा कारण है और कुछ नेताओं द्वारा अपनों को अधीक्षक बनाने में पैरवी करना दोषारोपण लगाना और उनका तबादला करवा देना आए दिन लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता जा रहा है करीब आधा दर्जन से अधिक डॉक्टरों का तबादला इसीलिए कर दिया गया क्योंकि वे अपनी मर्जी से और अपने हिसाब से अस्पताल का देखरेख कर रहे थे और सुचारू रूप से अस्पताल भी चल रहा था जिसमें अधीक्षक आशुतोष श्रीवास्तव डॉक्टर हनुमान प्रसाद डॉक्टर ए पी सिंह आदि लोगों का तबादला हो चुका है लेकिन उनके स्थान पर वर्षों से नई तैनाती नहीं हो पाई है।