चौथे दिन राम वन गमन सीताहरण का हुआ मंचन.
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भीटी अंबेडकर नगर। महरुआ थाना क्षेत्र के सिलावट गांव में चल रही सात दिवसीय रामलीला का चौथा दिन मंचन किया गया।भरत ननिहाल से लौटने के बाद जब यह सूचना मिलती है कि कैकई ने राम को वनवास भिजवा दिया है और मुझे राजा बनने का वरदान मांगा है। वह अयोध्या वासियों के साथ चित्रकूट भगवान राम को मनाने के लिए जाते हैं प्रभु ने ईश्वर के कार्य को करने के लिए भारत से यह कहा मेरा जंगल में रहना अनिवार्य है इस पर भारत ने उनकी खड़ाऊवापस लेकर अयोध्या चले आए राम सर्वांग ऋषि के आश्रम में पहुंचते हैं जहां पृथ्वी को निश्चय वहीं करने का अपना संकल्प दोहराते हैं इस तरह सरमन कृषि के कहने पर वह पंचवटी निवास करने के लिए जाते हैं जहां रावण की बहन सुपनखा भगवान राम से प्रणय निवेदन करती है। इस पर लक्ष्मण जी उसकी नाक काट लेते हैं वह अपने भाई खर दूषण के पास जाती है। जिसे युद्ध में भगवान राम मार देते हैं और वह अंत में लंका जाती है सारी कथा रावण को सुनाती है। रावण मरीझ के सहयोग से सीता का हरण करता है गिर्राज जटायु को रावण तलवार मार कर घायल कर देता है तथा श्री राम से जब उसकी मुलाकात होती है तो वह सीता के हरण की कहानी सुनाता है अंत में भगवान राम शबरी की कुटिया में पहुंचते हैं तथा उसे नवधा भक्ति का उपदेश देते हैं शबरी स्वर्ग लोक जाती है।
वही पांचवे दिन प्रभु श्री राम सुग्रीव से मित्रता होगी और सुग्रीव सीता की खोज में सहयोग देगी।वही अध्यक्ष पारसनाथ सिंह प्रबंधक विजय कुमार पांडे जयकरन पाल नरेंद्र त्रिपाठी गोकुल विश्वकर्मा तथा मुन्नी लाल प्रजापत उपस्थित रहे।