खाद्य सुरक्षा अधिकारी को नहीं मिला छेना मिठाई के जांच करने का मौका
1 min readअवधी खबर
थाना अध्यक्ष ने बिना जांच के दिया क्लीन चिट
भीटी अंबेडकर नगर। थाना अध्यक्ष ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी के बिना जांच किए पिकअप वाहन में लड़े कई कुंतल मीठे को क्लीन चिट देकर छोड़ दिया है।मामला भीटी थाना क्षेत्र के हैदरगंज भीटी मार्ग का है।रविवार की शाम पिकअप वाहन भरा छेना मिठाई हैदरगंज की तरफ से भीटी आ रहा था। जिसका अनुमान करीब 10 कुंतल था। इसकी जानकारी तब हुई जब एक पत्रकार पेट्रोल पंप से पेट्रोल भरा कर हैदरगंज रोड से भीटी की तरफ आ रहा था तभी पिकअप से मोबिल गिरने की आशंका के कारण पत्रकार द्वारा गाड़ी को रोककर बताया गया कि आपकी गाड़ी से मोबिल बह रहा है यह सुनकर वाहन चालक गाड़ी से उतर कर पीछे वाला गेट खोला। गेट खुलते ही करीब 15 बाल्टी छेना बाहर गिर गया। जिसके बाद इसकी जानकारी ग्रामीणों को भी हुई कि यह कहीं नकली छेना तो नहीं है जिसके बाद थाना अध्यक्ष राजीव कुमार यादव को सूचना दी गई सूचना पर पहुंची पुलिस ने उस गाड़ी को अपनी कस्टडी में लेते हुए थाने ले गई। जिसकी जानकारी खाद्य सुरक्षा अधिकारी को भी दी गई। लेकिन परीक्षा में ड्यूटी होने के कारण नही आ सके। और जिसकी जानकारी थाना अध्यक्ष के द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिकारी को भी नहीं दिया गया।थानाध्यक्ष उस गाड़ी को रात होते-होते छोड़ दिया और एक दूसरे पर आरोप मढते रहे जब ग्रामीण और पत्रकार दोनों मिलकर थानाध्यक्ष को जानकारी दी तो उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों को भेजा गया है जल्द से जल्द वह पकड़ कर थाने ला रहे हैं। लेकिन भीटी के ही कुछ दुकानदार और नेता मिलकर थानाध्यक्ष पर ऐसा दबाव बनाया कि मिठाई की जांच भी नहीं कर सके और थाना अध्यक्ष को पूरी गाड़ी को छोड़ना पड़ा ऐसी स्थिति में मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा और भाजपा सरकार पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह आने वाला समय ही बताएगा। सूत्रों से पता चला है कि भीटी में एक बड़ी दुकान पर पूरा मिठाई उतारने वाला था और वही से अन्यत्र जगहों पर सप्लाई होनी थी और रातों-रात नेताओं के दबाव में पिकअप से भरा पूरा मीठा छोड़ दिया गया।इस विषय पर जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने थानाध्यक्ष से बात की तो उन्होंने बताया कि हम ने गाड़ी को नहीं पकड़ा था। कभी सिपाही पर तो कभी दरोगा पर बयानबाजी देते नजर आए।वही खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने थानाध्यक्ष से सुबह जब बात की तो उन्होंने बताया कि इस विषय पर जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने थानाध्यक्ष से बात की तो उन्होंने पहले बताया कि हमने गाड़ी को नहीं पकड़ा था। कभी सिपाही पर तो कभी दरोगा पर बयानबाजी देते नजर आए। बाद में बताया गाड़ी तो हमने शाम को ही छोड़ दिया था। जब इस विषय पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि यह हमारे जांच का विषय था आपने गाड़ी क्यों छोड़ दिया जब मैं जांच कर लेता की मिठाई असली है या नकली है उसके बाद ही आपको गाड़ी छोड़ने का अधिकार था लेकिन भीटी थानाध्यक्ष बार- बार अपने आप को बचाते हुए कभी सिपाही को कभी पत्रकार को कभी दरोगा को दोषी बताते रहे। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने यह भी बताया कि थानाध्यक्ष से बात करने पर उस गाड़ी के बारे में कोई जानकारी भी उनके पास उपलब्ध नही है कि वह गाड़ी कहां से आई थी और किसके यहां उस मिठाई की सप्लाई को देना था केवल थानाध्यक्ष ने अपनी जांच में क्लीन चिट देते हुए गाड़ी को छोड़ दिया।