अवधी खबर के संरक्षक डॉ ओ पी चौधरी बने प्रोफेसर
1 min readअवधी खबर के संरक्षक डॉ ओ पी चौधरी बने प्रोफेसर

अवधी खबर (संपादकीय)। जनपद अंबेडकरनगर की तहसील जलालपुर के एक छोटे से गांव मैनुद्दीनपुर में पैदा हुए प्राथमिक की शिक्षा गांव के ही विद्यालय में टाट पट्टी पर बैठकर पटरी और खड़िया मिट्टी के सहारे अक्षर ज्ञान प्राप्त करते हुए,मिडिल की पढ़ाई घर से 4 किलोमीटर पगडंडी के सहारे बडेपुर जाकर किए। हाईस्कूल प्रतिदिन नदी पार कर 6 किमी से भी अधिक दूरी पैदल चलकर शास्त्री औद्योगिक इंटर कॉलेज कासिमपुर से किए, जहां के संस्थापक और प्रबंधक आपके पिताजी स्मृतिशेष बाबू राम नरायन वर्मा (ब्लॉक प्रमुख,जलालपुर) थे। पढ़ने में सामान्य लेकिन परिश्रमी और अनुशासित रहने वाले ओम प्रकाश चौधरी (चौधरी ओम प्रकाश सिंह,अभिलेखों में यही नाम दर्ज है) राजकीय इंटर कॉलेज फैजाबाद से इंटर करने गए,जहां पूर्वांचल के गांधी यशकायी,अमर स्वतंत्रता सेनानी बाबू जयराम वर्मा (अनेक बार विधायक, राज्य सरकार में मंत्री एवम सांसद, लोकसभा, फैजाबाद रहे) के साथ ही रहकर अपनी उच्च शिक्षा तक की उपाधि हासिल किए,साथ ही बाबूजी के आचरण को अपने में उतारने का पूरा प्रयास करते रहे हैं। मनोविज्ञान में ही कुछ करने की ललक आपको इलाहाबाद ले गई जहां मनोविज्ञान शाला,उत्तर प्रदेश से डिप्लोमा इन गाइडेंस साइकोलॉजी करने के पश्चात,लखनऊ विश्विद्यालय,लखनऊ से मनोविज्ञान विषय में ही प्रो मुक्ता रानी रस्तोगी के निर्देशन में शोध कार्य पूरा किए,जो आई सी एस एस आर नई दिल्ली से प्रकाशित भी है। वहीं से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन क्रिमिनोलॉजी तथा कानून की डिग्री हासिल किए। साथ ही स्वावलंबी प्रवृति के कारण आप पढ़ाई के दौरान ही किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज, गिरि विकास अध्ययन संस्थान,सिटी मांटेसरी स्कूल सहित अन्य कई संस्थानों में कार्य करते हुए 1995 में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग उत्तर प्रदेश इलाहाबाद से चयनित होकर श्री अग्रसेन कन्या पी जी कॉलेज वाराणसी में प्रवक्ता मनोविज्ञान के पद पर नियुक्त होकर अब वहीं प्रोफेसर पद को प्राप्त किए। अपनी लगन,परिश्रम और अध्यवसाय से पठन- पाठन के अतिरिक्त महाविद्यालय की लगभग सभी गतिविधियों में भाग लेते रहे।तत्कालीन प्राचार्य डा कृष्णा निगम ने आपकी क्षमताओं और महाविद्यालय के प्रति लगाव को देखते हुए आपको प्रवेश समिति का सदस्य फिर सचिव,प्रवेश समिति स्नातक,शिक्षक प्रतिनिधि,प्रबंध समिति, समन्वयक, अनुशासन समिति सहित अनेक समितियों में स्थान दिया। महाविद्यालय को स्वायत्तशासी का दर्जा प्राप्त करने हेतु जो समिति बनी उसमे भी डॉ चौधरी ने प्रमुखता से कार्य किया। महाविद्यालय के रजत जयंती वर्ष 1998 में आपको विशिष्ट सेवा सम्मान से प्रदेश के तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री ओमप्रकाश सिंह द्वारा सम्मानित किया गया। स्वायत्तता मिलने के पश्चात आपको महाविद्यालय का अधिष्ठाता प्रशासन नियुक्त किया गया,आपने पदीय दायित्व के अनुकूल अनेक उल्लेखनीय कार्य किए। 2014 में सर्वोत्तम शिक्षक का सम्मान भी आपको प्रदान किया गया। 2005 में महाविद्यालय को नैक से ए श्रेणी प्राप्त हुआ, उसमें भी आप मुख्य रूप से शामिल रहे। अपने अधिकारों और कर्तव्यों के साथ ही शिक्षक,शिक्षा और शिक्षार्थी हित में महाविद्यालय में काम करते हुए आप लगभग प्रत्येक समितियों में सदस्य या सचिव रहे। डॉ चौधरी वर्तमान समय में विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान विभाग; संकायाध्यक्ष, कला,मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय; अधिष्ठाता प्रशासन; प्रभारी, यूजीसी प्रकोष्ठ;सदस्य सचिव,विद्वत परिषद; मीडिया प्रभारी; सचिव, प्रवेश समिति स्नातक; अध्यक्ष,बोर्ड ऑफ स्टडीज, समन्वयक,राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 क्रियान्वयन समिति; सचिव, शिक्षक कल्याण कोष;शिक्षक प्रतिनिधि, प्रबंध समिति श्री अग्रसेन कन्या (स्वायत्तशासी) पी जी कॉलेज वाराणसी में हैं।
संप्रति आप महामहिम राज्यपाल द्वारा नामित कार्य परिषद के पूर्व सदस्य ,डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या।
महामहिम राज्यपाल द्वारा नामित कार्य परिषद सदस्य, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर।
सदस्य शासी निकाय (Board of Governors Constituent College), एवम सदस्य अध्ययन बोर्ड,मनोविज्ञान,डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्विद्यालय अयोध्या हैं। साथ ही विभिन्न आयोगों में विषय विशेषज्ञ तथा मनोवैज्ञानिक के रूप में प्रतिभाग करते रहते हैं,विभिन्न विश्वविद्यालयों में प्राश्निक और परीक्षक के रूप में कार्य करते हुए अपनी पहचान बनाए हुए हैं। आपने अन्याय का हमेशा प्रतिकार किया, उसमें भले ही उनका नुकसान हुआ हो। लेखन व प्रकाशन – समाचार पत्र-पत्रिकाओं में आलेख लेखन। 10 पुस्तकों में अध्याय लेखन सहित 4 पुस्तकें प्रकाशित। दो दर्जन शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय एवम अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। लगभग 100 से भी अधिक आलेख विभिन्न समाचार पत्रों में पर्यावरण, सामाजिक सरोकार,शिक्षा से संबंधित प्रकाशित हो चुके हैं। समय- समय पर आकाशवाणी से रेडियो से अपनी बातों को कहते रहते हैं। हमेशा यथार्थ में रहने वाले सत्य और बेबाक बात कहने वाले गांधी जी के विचारों से अभिप्रेरित डॉ चौधरी आज भी महाविद्यालय में प्रतिदिन 6 से 7 घंटे कार्य करते हैं। गांधी अध्ययन केंद्र के निदेशक के रूप में आपने सर्टिफिकेट कोर्स का संचालन करते हुए, राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया और समय समय पर विभिन्न गांधीवादी विचारकों से संभाषण करवाते रहे। अभी विगत वर्षों में गांधी संस्थान राजघाट, वाराणसी में तत्कालीन उप जिलाधिकारी मदन मोहन वर्मा के साथ मिलकर गांधी प्रतिमा की स्थापना में सहयोग किया, उसके आसपास गहन वृक्षारोपण भी किया। महाविद्यालय सहित आसपास के गांवों में पर्यावरण के प्रति लोगों को केवल जागरूक ही नहीं करते बल्कि वृक्षारोपण भी करते हैं और लोगों को प्रेरित भी करते हैं। अपनी व्यस्तताओं के बाद भी मौका मिलते ही गांव चले आते हैं और वहां कृषि कार्य से लेकर वृक्षारोपण,सामाजिक कार्यों ,ग्राम विकास और शैक्षणिक कार्यों में पूरे मनोयोग से लगे रहते हैं। इसीलिए गांव और आसपास में आप काफी लोकप्रिय हैं।
रुचि – पर्यावरण संरक्षण विशेषकर वृक्षारोपण।
गाँधी पीस फाउंडेशन,नेपाल द्वारा “पर्यावरण योद्धा सम्मान”प्राप्त।
वृक्षारोपण का शौक (1971से अनवरत), पर्यावरण संरक्षण- जल एवं मृदा, जैविक खेती (गृह वाटिका में)।पीपल,नीम,तुलसी अभियान से जुड़े हुए डा चौधरी अपने जन्मस्थली, कर्मस्थली तक ही सीमित न रहते हुए बिहार, झारखंड,नेपाल और राजस्थान में भी वृक्षारोपण करते हुए लोगों को प्रकृति के साथ जोड़ने का प्रयास करते चले आ रहे हैं। आप अनेक सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।वे श्रमेव जयते को चरितार्थ करने वाले बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी हैं। संपूर्ण अवधी खबर परिवार आपकी उपलब्धि से अभिभूत है।
वर्तमान आवास: विवेकपुरम, शिवपुर, वाराणसी ·221 003.
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