मेडिकल कालेज के डेमोस्ट्रेटर नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों को ताख पर रख कर अपने चहेतों पर मेहरबान हैं हाकिम…
1 min readमेडिकल कालेज के डेमोस्ट्रेटर नियुक्ति प्रक्रिया में नियमों को ताख पर रख कर अपने चहेतों पर मेहरबान हैं हाकिम…
जनपद के अधिवक्ता ने लगाया नियम के विरुद्ध नियुक्ति का आरोप…

अम्बेडकरनगर,अवधी खबर (बृजेश कुमार)। प्रदेश सरकार के लाख दावों के बावजूद भी शिक्षा विभाग में पारदर्शिता लागू नहीं हो पा रही है। एक ऐसा मामला महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर का है। नियमों को दरकिनार कर अपने चहेतों को खुश करने के लिए हाकिम मेहरबान हैं। इसके पहले भी कई ऐसा मामला सामने आया जहा मनमानी तरीके से कार्य करने का आरोप लगा है। वहीं जनपद के एक अधिवक्ता ने इसकी लिखित शिकायत जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से किया हैं। महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के सांख्यिकी विभाग में तैनात सांख्यकी विशेषज्ञ को मनमाने तरीके से माइक्रोबायोलॉजी विभाग में डेमोस्ट्रेटर बना दिया है। बताया जा रहा है की राना भानु प्रताप सांख्यकी विशेषज्ञ के पद पर संविदा कार्यरत थे। लेकिन शासन के नियमों में बदलाव और हाल ही में बांडभर कर शासन से आये सीनियर रेजिडेंट के ज्वाइन करने के बाद इनको यहां से हटना पड़ा लेकिन प्रधानाचार्य का बेहद करीबी होने के कारण इन्हें माइक्रोबायोलॉजी विभाग में डेमोस्ट्रेटर के पद पर ज्वाइन कर दिया गया। जबकि इस पद पर वहीं ज्वाइन कर सकता हैं जो माइक्रोबायोलॉजी में एम०एस०सी० हो और भानु प्रताप इस काबिल नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया गया कि यह नियुक्ति नियम के विरुद्ध है इसके लिए भानु प्रताप के ज्वाइन को लेकर काफी गोपनीयता बरती जा रही है। यही नहीं मेडिकल कॉलेज के सह.चिकित्सा अधीक्षक के महत्वपूर्ण पद पर भी काफी जूनियर चिकित्सक डॉ.अभिषेक को नियुक्त किया है। जबकि कॉलेज में तमाम वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद हैं। कॉलेज के तमाम प्रशासनिक पदों पर भी नियुक्ति में मानकों के विपरीत कार्य किया गया है। जिसकी शिकायत अधिवक्ता दिनेश कुमार वर्मा ने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से नियम के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। इस सन्दर्भ में जब प्रधानाचार्य डॉ. संदीप कौशिक से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया की इलेक्ट्रिशियन के पद पर 2013 से कार्यरत थे अभी शासन से दूसरे की तैनाती नहीं हुई है तब तक के लिए उन्हें संविदा के सापेक्ष दूसरे पद पर रखा गया हैं।