रविवार को इमाम हुसैन का मनाया जाएगा चेहल्लुम
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अंबेडकरनगर। अरबईन के मौके पर शिया समुदाय के लोगों ने मस्जिदों व घरों में विशेष उपासना के साथ ज्यारते अरबईन पढ़ी और इमाम हुसैन समेत कर्बला के इकहत्तर बलिदानियों को याद किया।
मौलाना सैयद मुहम्मद रजा रिजवी ने बताया कि अरबईन का अत्यंत महत्व है। उन्होंने इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के हवाले से कहा कि ज्यारते अरबईन मोमिन की पांच निशानियों में एक निशानी है। इसके अतिरिक्त जाबिर बिन अब्दुल्लाह अंसारी कब्रे हुसैन के पहले जायर बने।
रविवार को जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कर्बला के महान शहीद हजरत इमाम हुसैन का चेहल्लुम मनाया जाएगा। उक्त अवसर पर जुलूसे अमारी और सुबह से देर रात्रि तक मजलिसो मातम का दौर जारी रहेगा।
नगर के मोहल्ला मीरानपुर स्थित इमामबाड़े से अंजुमन अकबरिया की ओर से सुबह छह बजे नौहो मातम के साथ जुलूस कर्बला रौजा फात्मैन जाएगा जहां तबर्रुकात दफ्न किए जाएंगे। लोरपुर ताजन स्थित मस्जिद कदम से अंजुमन मासूमिया की देखरेख में जुलूसे अमारी का वार्षिक कार्यक्रम सुबह पांच बजे से आरंभ होगा। इसी प्रकार सिंझौली, अब्दुल्लाहपुर, गदायां सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र कालेपुर, बाजिदपुर-राजेपुर धावां, कयामुद्दीनपुर-शेखपुरा, अरिया सादात, कटौना, इटरौरा, सिकंदरपुर आदि स्थानों पर पर भी इमाम का शोक मनाया जाएगा।
टांडा नगर के कोठी राजा साहब से प्रात: अंजुमन अजादारे हुसैनी के संयोजन में मातमी जुलूस अपने परंपरागत मार्गसे होता हुआ शाहबाग कर्बला जाएगा। जहां ताजिए सुपुर्द-ए-खाक किए जाएंगे। सकरावल मोहल्ले का जुलूस अंजुमन अब्बासिया द्वारा निकालकर ताज चौराहा होता हुआ जुलूस आसोपुर शाहबाग कर्बला पहुंचेगा।
जलालपुर में अंजुमन जाफरिया के बैनर तले जुलूस तीन किलोमीटर का फासला तय कर बड़ी दरगाह पहुंचेगा जहां नजर-नियाज के साथ कार्यक्रम संपन्न होगा।