लोगों के दुखदर्द में भागीदार रहते थे समाजसेवी समीउल्लाह हाशमी : मोहम्मद इस्माईल
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अंबेडकरनगर। जनपद की मानिंद शख्सियत व प्रमुख समाजसेवी रहे मरहूम समीउल्लाह हाशमी की 22वीं पुण्य तिथि पर दारुल उलूम मदरसा फैजाने हाशमी गौसिया मुस्लिम यतीमखाना मसूदनगर-सिंझौली में विधिवत कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें याद किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व सैनिक मोहम्मद इस्माईल हाशमी ने कहा की मरहूम समीउल्लाह हाशमी आजीवन गरीबों, मजलूमों की सेवा में लगे रहे। समाज के कमजोर तबके के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें इसी दृष्टिकोण से उन्होंने अपने वतन मोहल्ला सिंझौली में मदरसा दारुल उलूम स्थापित किया। जहां धार्मिक व सांसारिक दोनोें प्रकार की शिक्षा की व्यवस्था है। यहां से पढ़ कर निकलने वाले शिक्षार्थियों को उच्च शिक्षा की तैयारी का प्रयाप्त अवसर मिलता है।
इस मौके पर ऑल इंडिया हाशमी शेख मसूदी वेलफेयर एजुकेशनल ट्रस्ट के राष्ट्रीय महासचिव मास्टर अली हुसैन हाशमी ने कहा कि मरहूम समीउल्लाह हाशमी इंसानियत पसंद एवं सांप्रदायिकता के घोर विरोधी थे। संस्था के जिला अध्यक्ष मोहम्मद शन्नू हाशमी ने कहा कि समीउल्लाह हाशमी मुल्क व मिल्लत के उत्थान हेतु सदा चिंतित रहते थे। मौलाना सूफी मोहम्मद सरवर ने मरहूम समीउल्लाह हाशमी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान के संस्थापक समीउल्लाह हाशमी ने जो महान कार्य किया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। राकेश तिवारी, सलीत सेवक, संदीप कुमार पांडेय, दीन मोहम्मद, वली मोहम्मद, अश्विनी कुमार पांडेय, मोहम्मद अहमद हाशमी तथा अहमद हसन सहित अन्य लोग मौजूद थे।