बेमिसाल है इमाम हुसैन की कुर्बानी : मौलाना शारिब
1 min readबेमिसाल है इमाम हुसैन की कुर्बानी : मौलाना शारिब

अंबेडकरनगर। अकबरपुर विकास खंड के ग्राम इटरौरा में अंजुमन जुल्फेकार-ए-हैदरी की देखरेख में कार्यक्रम सानिए जहरा और बाजार कूफा ओ शाम का 47वां दौर शोकपूर्ण वातावरण में आहो बुका तथा आंसुओं के नजराने के साथ संपन्न हुआ। अंजुमनों ने नौहाख्वानी-सीनाजनी किया तो उल्मा ने कर्बला की त्रासदी का मार्मिक चित्रण किया।
तिलावते कुरान पाक के बाद सैय्यद अकबर अब्बास आदि ने सोजख्वानी के माध्यम से माहौल को गमगीन किया। तदुपरांत मौलाना सैय्यद हेलाल अब्बास ने अजादारों से रूबरू होते हुए कहा कुरान और अहलेबैत एक दूसरे से जुदा नहीं हो सकते। रसूले अकरम उतना ही कलाम करते थे जितना मर्जिए इलाही होती थी। जबकि मौलाना सैय्यद मोहम्मद असगर शारिब ने अपने बयान में कहा कि खुदा अपने कामों को अपनी हिकमतों के तहत अंजाम देता है। खालिके कायनात ने किताबे फजाएल को पाए तकमील तक पहुंचाने के लिए दो मासूम नवासे अता किए। जिनमें से एक की जहर से और दूसरे की तलवार से शहादत हुई। इन दोनों शहजादों हसनैन, शरीफैन, करीमैन का इस्लामी तारीख में कोई दूसरी मिसाल नहीं है। मौलाना अरशी मौलाई के संचालन में कार्यक्रम सानिए जहरा में अंजुमन जुल्फेकारे हैदरी इटरौरा, अंजुमन जाफरिया लोरपुर, अंजुमन सिपाहे हुसैनी भनौलीसादात-सुल्तानपुर, अंजुमन इमामिया मुबारकपुर-आजमगढ़, अंजुमन गुलशने इस्लाम भादी शाहगंज-जौनपुर एवं अंजुमन जाफरिया जलालपुर ने नौहाख्ववानी व सीनाजनी कर जनाबे फात्मा जहरा को उनके लाल का पुर्सा दिया। सैय्यद मोहम्मद अब्बास, सैय्यद हसन अब्बास, सैय्यद हुसैन अब्बास, सैय्यद नजर अब्बास, शादाब हुसैन, मोहम्मद हैदर के अतिरिक्त ग्राम प्रधान अमिताभ यादव की ओर से जायरीन के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई गई थी।