जनपद के लाल आबिद हुसैन ने किया नाम रौशन
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अंबेडकरनगर। जनपद के बसखारी ब्लाक के मौजा भगाहीं के मूल निवासी और वर्तमान में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रहकर व्यवसाय के साथ प्रमुख रूप से खाड़ी के देशों में फंसे भोले भाले कामगार भारतियों की सकुशल रिहाई कराने जैसी समाजसेवा में संलग्न हैं। इसी उत्कृष्ट कार्य हेतु देश के जाने माने मंच जोश टांक ने उन्हें हरियाणा स्थित गुरूग्राम स्टूडियो में सम्मानित किया। आबिद हुसैन विगत एक दशक से विदेश मे फंसे निर्दोष भारतीय श्रमिकों, कामगारों की रिहाई की मुहीम चलाते हुए सऊदी अरब सहित खाड़ी के अन्य देशों में तकनीकी कारणों से फंसे सैकड़ों लोगों को छुड़ाने में सफल रहे हैं। उनके संघर्षों की गाथा वास्तव में बहुत दिलचस्प है। वह संकट में फंसे हिंदुस्तानियों को विदेश से सकुशल वापसी कराने के लिए हर समय नि:स्वार्थ भाव से तत्पर रहते हैं। बजरंगी भाईजान के रूप में भी उनकी शिनाख्त है। जोश टॉक के जोश माटी कार्यक्रम में विगत 03 सितम्बर को ससम्मान बुलाया गया तो उन्होंने वहां अपने जीवन के सतत संघर्षों की याद को शेयर किया। काबिल-ए-गौर है कि जोश टॉक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली विभूतियों को आमंत्रित करने के संग प्रेरणादाई कहानियों को प्रस्तुत करता है। मालूम हो कि जोश टाक मंच पर मुख्यता समाजसेवी, आईएएस, पीसीएस, गीतकार, शायर, कवि, लेखक, फिल्म स्टार, यू-ट्यूबर, ब्लॉगर, रेडियो जॉकी जैसे लोगों को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाता है। जोश टॉक्स में आबिद हुसैन को आमंत्रित किया जाना अंबेडकरनगर जनपद के लिए ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश राज्य के लिए भी गौरव की बात है ।
प्रतिभा के धनी आबिद ने बचपन से ही अभावों की जिंदगी के साथ मां के संघर्षों को देखा है। उन्हें समाज सेवा के लिए अनेक बार सम्मानित किया जा चुका है। पिता के देहांत के कुछ साल बाद आबिद की पढ़ाई छूट गई। किशोरावस्था में दिल्ली काम के संबंध में दिल्ली। बाद में उन्होंने भोपाल को अपना ठिकाना बनाया। जहां वह पेंटिंग व्यवसाय से जुड़ गए। आबिद हुसैन ने जोश टॉक की टीम में शामिल सुमित और सुहैल रिजवी एवं अन्य लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।