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माता-पिता का अनादर करने वाले सुखी नहीं रह सकते : मौलाना रईस हैदर

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माता-पिता का अनादर करने वाले सुखी नहीं रह सकते : मौलाना रईस हैदर


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अंबेडकरनगर। माता-पिता एक घने और विशाल वटवृक्ष की भांति होते हैं लिहाजा इनका आदर-सम्मान करें। जो संतान मां-बाप की उपेक्षा अथवा अनादर करते हैं वे कभी भी सुखी जीवन नहीं व्यतीत कर सकते हैं। और अल्लाह भी ऐसे लोगों से नाखुश रहता है।
यह उदगार फतेहपुर ककरडिला भड़सार में सैयद मुहम्मद हैदर की ओर से माता नजमा खातून बिंते अबरार हुसैन के पुण्य हेतु आयोजित मजलिसे सेयुम को संबोधित करते हुए मौलाना डा. रईस हैदर जलालपुरी ने व्यक्त किया। उन्होंने कौम की बदहाली का विस्तार पूर्वक उल्लेख करते हुए कहा कि इसके पीछे एकमात्र कारण अशिक्षा है। जबकि इस्लाम जेहालत और गरीबी का सख्त विरोधी है। युवा वर्ग का आवाहन करते हुए कहा उच्च शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करें जिससे स्वयं के साथ समाज व राष्ट्र की उन्नति में सहायक सिद्ध हो सकें। मौलाना रईस हैदर ने यह भी कहा कि कर्बला की त्रासदी दो अध्याय में बंटी है। एक अध्याय काला है जिसमें भूख, प्यास, अन्याय, अत्याचार, अमानवीयता, क्रूरता आदि है। जबकि दूसरे सफेद अध्याय में प्रेम, शिष्टाचार, सदाचार, मानवता, सहनशीलता, सहिष्णुता, भाईचारगी है। विडम्बना है कि सामान्य तौर पर मजलिसों में केवल काले अध्याय का ही प्रमुखता से उल्लेख होता है। हालांकि वर्तमान में सफेद अध्याय पर चर्चा किए जाने की नितांत आवश्यकता है। बाकर मूसा, मुहम्मद ताहिर, अशफाक हुसैन, अब्बास काजमी, जैगम अब्बास, नुसरत हुसैन, मुहम्मद मेहदी पप्पू, हैदर मेहदी जैगम उपस्थित थे।

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