दरे हुसैन से ही मिल सकती है निजात : मोहम्मद हसन नजफी
1 min readदरे हुसैन से ही मिल सकती है निजात : मोहम्मद हसन नजफी

अंबेडकरनगर। हयातगंज-टांडा में इमाम जैनुल आबिदीन अलैहिस्सलाम के यौमे शहादत पर 60वें दौर का यादगार ऐतिहासिक मातमी जुलूस कार्यक्रम अंजुमन सिपाहे हुसैनी के संयोजन में आयोजित हुआ।
उक्त अवसर पर मौलाना नदीम रजा जैदी ने संबोधित करते हुए कहा अल्लाह तआला की बारगाह में इंसान नमाज के माध्यम से जितना अधिक शुक्र अदा करता है, परवर दिगार उसे उतना ही ज्यादा नवाजते हैं। ये उसका करम ही है कि उसने हम सब को न सिर्फ इंसान बनाया बल्कि अपनी अनगिनत नेअमतें भी बख्शी हैं।
मौलाना मोहम्मद हसन नजफी ने नूरानी बयान में रसूले खुदा के हवाले से कहा अपने सर को गमे हुसैन में खम कर दो निजात पा जाओगे। याद रहे इस दर के अलावा भटकते रहोगे कहीं भी मुक्ति मिलने वाली नहीं है। संचालक नैय्यर बहिश्ती जलालपुरी ने कहा कि इक इम्तेहान है जिक्रे हुसैन का मिम्बर, खतीब अपने लहू का असर दिखा देगा। अगर जमीन पे गुंजाइशें नहीं होंगी, खुदा फलक पे भी फर्शे अजा बिछा देगा। मोहम्मद कायम ने पेशखानी किया। मौलाना जफर मेहदी, मौलाना आसिफ हसन, मौलाना नजर अली ने तकरीर तथा अंजुमन सिपाहे हुसैनी के अतिरिक्त नासिरिया नसीराबाद, फैजे हुसैन अरसावां एवं अंजुमन अब्बासिया सकरावल-टांडा ने नौहाख्वानी व सीनाजनी किया।