ज़हरा के गुलिस्तां में गुलेतर नहीं रहे….
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अंबेडकरनगर। नगर के मोहल्ला गदायां में अंजुमन पंजतनी के तत्वावधान में जुलूस सैय्यदे सज्जाद का वार्षिक मातमी जुलूस कार्यक्रम गमगीन माहौल में मजलिस तथा नौहोमातम के साथ संपन्न हुआ।
25वें दौर के उक्त कार्यक्रम की प्रारंभिक मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना मोहम्मद असगर शारिब ने कहा यह फर्शे मजलिस एक ऐसी युनिवर्सिटी के मानिंद है, जहां ज्ञान प्राप्त करने के लिए किसी भी धर्म, वर्ग, रंग, नस्ल, समुदाय अथवा मत के अनुयायी नि:शुल्क प्रवेश ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि उम्मते मुस्लिमा पर पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के साथ नवासे हसनैन, करीमैन यानी हसन और हुसैन व अन्य स्वजनों से भी मोहब्बत लाजिम है। मौलाना अली अब्बास शीराजी और मौलाना परवेज अब्बास कुम्मी ने भी संबोधित किया। मीसम रामपुरी के संचालन तथा सैयद नाजिम हुसैन, अशफाक हुसैन, मुंतजिर हुसैन आदि के संरक्षण में बुधवार को दिन भर चले कार्यक्रम में अहले सुन्नत की अंजुमन अब्बासिया दोस्तपुर-सुल्तानपुर ने नौहाखानी का आरम्भ करते हुए कहा जहरा के गुलिस्तां में गुलेतर नहीं रहे। अंजुमन पंजतनी गदायां समेत यादगारे हुसैनी सुल्तानपुर, जुल्फेकारिया जलालपुर तथा अंजुमन हैदरिया बसखारी ने प्रतिभाग करके चौथे इमाम सैय्यदे सज्जाद और कर्बला के दीगर बलिदानियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। हैदर मेहदी जैगम, कायम रजा पप्पू, कर्रार हुसैन, मोहम्मद अनीस, इजहार हुसैन, मोहम्मद शोएब इत्यादि ने व्यवस्था संभाला।