रसूलों में सबसे श्रेष्ठ थे पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद : मौलाना शारिब
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अंबेडकरनगर। लोगों के मार्ग दर्शन हेतु अलग अलग दौर में एक लाख चौबीस हजार पैगंबर भेजे गए। हर रसूल दूसरे रसूल से बड़ा माना गया लेकिन अंतिम पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब सारे के सारे रसूलों से अफजल यानी बड़े हैं।
यह बात मौलाना सैयद मुहम्मद असगर शारिब ने नगर के मुहल्ला मीरानपुर में अजादारों के बीच कही। फरहत अब्बास व गालिब अब्बास की ओर से पूर्व विधायक मरहूम अकबर हुसैन बाबर के पुण्य के लिए की गई वार्षिक मजलिस पढ़ते हुए मौलाना शारिब ने कहा कि रसूले अकरम नूरे मुजस्सम थे, उनका साया तक न था। कुरान एवं हदीस के हवाले से कहा कि रिसालत का ओहदा होने के बावजूद सारे रसूल बराबर नहीं हैं। उन्होंने बल देकर कहा कि शिया और सुन्नी समुदाय शरीर की दो आंखें हैं। इनके मध्य विवाद उत्पन्न करने वाली शक्तियां न सिर्फ धर्म बल्कि समाज विरोधी भी हैं। हम सब को राष्ट्र व संविधान का आदर करते हुए मानवता पर आधारित इस्लामी शिक्षाओं को आगे बढ़ाने हेतु सतत प्रयत्नशील रहना चाहिए। हाजी सज्जाद हुसैन रिजवी, हसन अस्करी मजलिसी, मौलाना इंतेजार मेहदी फैजी, हैदर रजा उर्फ जियो मियां, कमर अकबरपुरी, आरिफ अनवर अकबरपुरी, असर अकबरपुरी, मसूद अख्तर, यासिर हुसैन, साहिल बाबर, वासिल अब्बास, हुसैन मिया, यूसुफ बाबर, एहतेशाम हुसैन, परवेज मेहदी, सिब्ते हसन, कर्रार हुसैन, मेहद हसन, अहमद हुसैन बब्बी, शम्मू आदि उपस्थित थे।