या हुसैन की सदाओं के बीच सुपुर्द-ए-खाक किए गए ताज़िए
1 min readया हुसैन की सदाओं के बीच सुपुर्द-ए-खाक किए गए ताज़िए

अंबेडकरनगर। दसवीं मुहर्रम का ताजिया जुलूस निकालकर नवासए रसूल हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत को याद किया गया। देर शाम कर्बला में ताजिए ‘या हुसैन’ के नारों के साथ अश्रुपूरित नेत्रों से सुपुर्द-ए-खाक किए गए। कुछ स्थानों पर ताजिये के संग तिरंगा लहराकर देशप्रेम भी प्रकट किया गया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे। नगर में पहला ताजिया जुलूस मोहल्ला अब्दुल्लाहपुर से निकलकर कर्बला इमामबाग तक गया। दूसरा जुलूस मीरानपुर पक्का चौक नंबर एक पर मोहम्मद आलम, रियाज अहमद,
कलीम सलमानी, शब्बू सलमानी, नबी हसन,
आदि ने हरे वस्त्र समेत विभिन्न वस्तुओं की सहायता से तैयार आकर्षक ताजिया बनाया। अंजुमन अकबरिया के हसन अस्करी मजलिसी, आरिफ अनवर, मिर्जा परवेज मेहदी, रजा अनवर, फसाअत हुसैन, जमन आदि ने सामूहिक रूप से नौहाखानी और यासिर हुसैन, मेहदी रजा, यूशा, इम्तियाज हुसैन, अधिवक्ता शुजाअत हुसैन, बब्बी, दानिश, राजा, कर्रार आदि ने सीनाजनी किया।
पक्का चौक नंबर दो कुरैशनगर-मीरानपुर स्थित चौक पर बुढ़हू बाबा के नाम से प्रसिद्ध सफेद ताजिया सरताज अली राजा आदि द्वारा तैयार किया गया था। बड़ा इमामबाड़ा से दुलदुल, अलम और ताबूत मुबारक निकाला गया। इमामबाड़ा बैतूलअजा में डा. कासिम हुसैन, दिलबर हुसैन, आसिफ रजा, इफ्तेखार हुसैन एवं अन्य ताजियादारों द्वारा घरों में ताजिये रखे गये। अपराह्न दो बजे जुलूस पक्का चौक नंबर एक से निकलकर मुख्य मार्ग पर पहुंचा। जहां से अयोध्या मार्ग स्थित कर्बला फात्मैन पहुंचकर ताजिए गमगीन माहौल में सुपुर्द-ए-खाक किए गए।
अंजुमन अकबरिया के सदस्यों ने सामूहिक रूप से नौहा पढ़ा और मातम किया। नकाबपोश महिलाओं ने कर्बला में अलविदाई नौहे पढ़े। कल्बे आबिद की ओर से फाकाशिकनी की व्यवस्था की गई थी।शहजाद्पुर पूरब तरफ इमाम चौक पर शाहचांद मियां का ताजिया रखा गया। पूर्व सभासद लतीफ अशरफी के मुताबिक यह ताजिया 300 साल से भी अधिक समय से लगातार रखा जा रहा है। इसकी विशेषता यह है कि एक स्थानीय हिंदू धोबी परिवार के मुखिया का हाथ लगने के बाद ही ताजिया पूर्ण होता है। इसके दर्शन के लिए 50 हजार से अधिक लोग उमड़ते हैं। यहां से निकला तीसरा जुलूस अयोध्या मार्ग स्थित शीतला आश्रम तक जाकर वापस हुआ। जौहरडीह से निकला चौथा ताजिया जुलूस ढोल ताशे के साथ मीरानपुर पेवाड़ा, तहसील तिराहा, लोहिया मूर्ति चौक होते हुए पुरानी पुलिस चौकी शहजादपुर तक गया। कस्बा एवं शहजादपुर पुलिस चौकी प्रभारी दिशा निर्देशन में पुलिस व पीएसी के जवानों ने सुरक्षा व्यवस्था संभाला।
जलालपुर : जुलूस में जंजीर, कमा का मातम व मर्सियाख्वानी से पूरा माहौल हाय हुसैन की सदाओं से शोकाकुल रहा। जुलूस में इब्ने अली जाफरी, गुलशन, सैफ अब्बास, हैदर अब्बास, कल्बे हसन आदि शामिल रहे। भारी संख्या में जमा अजादारों ने आस्था जताते हुए सीनाजनी किया। बसखारी, बेला परसा, हंसवर, जहांगीरगंज, किछौछा, इल्तिफातगंज में ताजिया शांतिपूर्ण माहौल में दफन किया गया।
टांडा : नगर के मीरानपुर स्थित राजा की कोठी से जुलूस गमगीन माहौल में कस्बा होते हुए मदरसा एनुल उलूम पहुंचा। देर शाम गमगीन माहौल में कर्बला में ताजिए सुपुर्द-ए-खाक किये गये। नजमी भाई के अतिरिक्त ताजियादार कमेटी के अध्यक्ष सैयद जाफर रजा परवेज, सचिव सैयद रईसुल हसन, ताजदार हुसैन, सैयद सईद अहमद, सैयद वजीहुल हसन, सैयद रिजवान अहमद, सैयद अहमद दानिश, सैयद आरिफ हसन जुलूस में शामिल रहे। एसडीएम, सीओ पुलिस, एसएचओ, एसओ अलीगंज पुलिस व पीएसी बल के साथ उपस्थित रहे। जनपद भर शांतिपूर्ण वातावरण में यौमे आशूरा का ताजिया जुलूस संपन्न होने पर सामाजिक कार्यकर्ता व अंजुमन अकबरिया मीरानपुर के अध्यक्ष रेहान जैदी ने जिला व पुलिस प्रशासन के प्रति आभार जताया।