….लिखके खत इब्ने मजाहिर को बुलाया शह ने
1 min read….लिखके खत इब्ने मजाहिर को बुलाया शह ने

अंबेडकरनगर। जिले के अनेक स्थानों से चौथी मोहर्रम के मातमी जुलूस अलम, ताबूत जैसे पवित्र तबर्रुकात नौहो मातम के साथ परंपरागत ढंग से गमजदा माहौल में निकाले गए। पुलिस की कड़ी चौकसी रही।
नगर के मीरानपुर स्थित बड़े इमामबाड़े से अंजुमन अकबरिया के जिम्मेदारान की देखरेख में मातमी जुलूस शाम 4 बजे निकला जिसमें असरार अब्बास ने शायरे अहलेबैत शमीम अमरोहवी का कलाम दश्त-ए-गुरबत में हूं आ जाईए बचपन के हबीब, लिखके खत इब्ने मजाहिर को बुलाया शह ने पेश किया तो अजादार रो पड़े। बच्चों द्वारा लिए गए अलम मुबारक की अकीदतमंदों ने ज्यारत कर पुष्प अर्पित किया। तयशुदा रास्ते से होकर जुलूस देर शाम इमामबाड़ा पहुंच कर समाप्त हुआ। गदायां में राशिद अब्बास के अजाखाने से चौथी मोहर्रम का जुलूस या हुसैन की सदाओं के साथ निकाला गया। अंजुमन पंजतनी के लोगों ने नौहाखानी व सीनाजनी किया। सिकंदरपुर अजाखाने में मौलाना महफूज हसन ने कहा फर्शे अजा एक ऐसी युनिवर्सिटी है जहां कोई भी शख्स दाखिला ले सकता है। फर्शे मजलिस की एक विशेषता यह भी है कि यहां आने के पश्चात मन शुद्ध और शरीर पवित्र हो जाती है।
उधर मोहल्ला अब्दुल्लाहपुर सैयद कैसर अब्बास रिजवी, सिंझौली, लोरपुर ताजन, पीरपुर, शहनेमऊ, इटरौरा, दाउदपुर, कटघर कमाल, मछलीगांव में मौलाना नूरूल हसन रिजवी एवं मौलाना सैय्यद मासूम रजा कैफी, लखनिया, गौरा मोहम्मदपुर, कटघरमूसा, हजपुरा, कजपुरा, बाकरगंज, रसूलपुर, सेहरी में मोहर्रम की नियमित मजलिसों को उल्माए कलाम ने संबोधित करते हुए इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के संदेशों को प्रसारित किया।