तेज़ बारिश भी ठंडा नहीं कर सकी अजा़दारों का जोश
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अंबेडकरनगर। दूसरी मुहर्रम पर सोमवार की रात्रि में जुलूस वुरूद-ए-कर्बला का आगाज इमाम बारगाह से हुआ तो अजादारों का हुजूम रो पड़ा। मौलाना नूरूल हसन रिजवी ने एक-एक कर तबर्रुकात का परिचय कराया। आए नौहाख्वां ने अपने साथियों संग नौहा पढ़ा तो बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाएं, पुरुष व बच्चों की आंखों से अश्रु की धारा फूट पड़ी।
देर रात इमामबारगाह से निकलकर जुलूस अपने निर्धारित मार्ग से होता हुआ अयोध्या मार्ग स्थित फात्मैन कर्बला पहुंचा। यहां भारी बरसात के बीच बेहद गमगीन माहौल में तबर्रुकात सुपुर्द-ए-खाक किए गए।
इस बीच अनेक मातमी दस्तों ने नौहाखानी, सीनाजनी तथा अंजुमन के अध्यक्ष रेहान जैदी वह सचिव रजा अनवर ने नेतृत्व किया। कार्यक्रम में सज्जाद हुसैन रिजवी, सैय्यद सरवर हुसैन, डॉ. आमिर अब्बास लकी, रजा अनवर, दानिश अली, सिरताज अली, यासिर, कर्रार हुसैन, इम्तियाज हुसैन आदि का सहयोग रहा। संचालन जैबी ने किया। इस दौरान मिर्जा परवेज मेहदी के आजाखाने में मौलाना अकबर अली वाएज जलालपुरी ने कहा कि जो सुन्नते नबी पर अमल करे वह सुन्नी है और जो अहलेबैत के प्रति आस्था रखे वह शिया है। सज्जाद अस्करी जमन ने पेशखानी और ताजीम अली आदि ने नौहाखानी किया। इस मौके पर सज्जाद हुसैन रिजवी, सरवर जैदी, अख्तर हुसैन, चौधरी मोहम्मद अस्करी नकवी, हसन अस्करी मजलिसी, अधिवक्ता हुसैन अस्करी, रियाज हुसैन, गुलाम अब्बास संजय, ऐबाद सहित तमाम लोग उपस्थित थे। उधर मेहदी रजा द्वारा आयोजित मर्सिये की मजलिस को चौधरी मोहम्मद अस्करी ने इमाम बारगाह बैतुल अजा में तथा हसन अब्बास ने सज्जाद हुसैन रिजवी के अजाखाने में मर्सियाखानी किया। असरार अब्बास ने नौहा पढ़ा। नगर के लोरपुर मोहल्ले में सैय्यद मुज्तबा हुसैन के इमामबाड़े में तीसरी मोहर्रम की नियमित मजलिस में कहा कि बेशक नमाज सबसे बड़ी इबादत है और माबूद से राब्ता कायम करने का बेहतरीन व सरल तरीका है। सिर्फ नमाज ही नहीं इबादत है, बल्कि मां-बाप व दीन दुखियों की सेवा भूखे को खाना खिलाना, भटके हुए को राह दिखाना, जरूरतमंदों की यथा शक्ति सहायता करना तथा लोगों के सुख-दुख में शामिल होना भी इबादत है। मतलूब हुसैन, सईद अकबर, हैदर अली, शहरयार हैदर आदि मौजूद थे। पीरपुर में डॉक्टर हैदर मेहदी तथा मौलाना फैजी के अजाखाने में भी तीसरी मुहर्रम की मजलिस संपन्न हुई।