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मर कर भी ज़िंदा कर गए दीने इलाही को इमाम हुसैन : मौलाना नदीम हैदर

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अंबेडकरनगर। कुदरत की तरफ से मुहर्रम हम सब के लिए एक बड़ी नेअमत है। सौभाग्यशाली हैं वह लोग जो परदेस से मोहर्रम करने वतन पहुंच जाते हैं। शोक के इस महीने में किस कदर आकर्षक है कि सात समंदर पार से भी लोग अजादारी करने घर आ जाते हैं। यह विचार मौलाना सैयद नदीम हैदर रिजवी ने मीरानपुर में मरहूम जुल्फेकार हुसैन के अजाखाने में मजलिस पढ़ते हुए व्यक्त किया।
मौलाना नदीम ने आगे कहा कि इमाम हुसैन ने मर कर इस्लाम और इंसानियत को सदा के लिए जीवित कर दिया। रहती दुनिया तक जिक्रे शोहदाए कर्बला जारी व सारी रहेगा। इसी प्रकार बड़ा इमामबाड़ा परिसर स्थित शाहिद हुसैन आब्दी के आवास पर हसन अस्करी मजलिसी ने मर्सिए की वार्षिक मजलिस पढ़ी।
: रविवार से होंगी नियमित मजलिसें
अंबेडकरनगर। नगर के विभिन्न स्थानों पर रविवार पहली मुहर्रम से अशरए मुहर्रम की मजलिसों का क्रम आरंभ हो जाएगा। मीरानपुर में सुबह साढ़े सात बजे अली रहबर तकवी के आवास पर, साढ़े आठ बजे बड़ा इमामबाड़ा राजा साहब में व साढ़े नौ बजे अजाखाना चौधरी सिब्ते मुहम्मद नकवी में मौलाना अकबर अली वाएज जलालपुरी, साढ़े 10 बजे शाहिद हुसैन खान तथा साढ़े 11 बजे सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी सरवर हुसैन जैदी के अजाखाने में नौ मुहर्रम तक निरंतर मजलिसें होंगी। अब्दुल्लाहपुर में सुबह नौ बजे से अधिवक्ता साबिर अली, रिफाकत हुसैन, इम्तियाज हुसैन, इमामबाड़ा हुसैनिया में तथा रात्रि साढ़े आठ बजे से इमामबाड़ा कटरिया हाउस, कमर हसनैन, अली अब्बास आदि के आवास पर नियमित मजलिसें रविवार से होगी।
: पहली मुहर्रम का जुलूस रविवार को रात्रि 10 बजे से निकट मस्जिद पेवाडा़-मीरानपुर से रसूल अहमद आदि की देखरेख में निकलेगा। जिसमें अंजुमन अकबरिया नौहो मातम करेगी।

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