ईद-ए-ग़दीर : अली बने थे रसूल के उत्तराधिकारी
1 min readअंबेडकरनगर। सोमवार को जिला मुख्यालय सहित जलालपुर, टांडा, इल्तिफातगंज तथा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में ईद-ए-गदीर का जश्न मनाया जाएगा। शिया जामा मस्जिद मीरानपुर के पेश इमाम मौलाना अकबर अली वाएज जलालपुरी ने बताया कि इस्लामी इतिहास में ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अजहा की भांति ईद-ए-गदीर का भी उल्लेख मिलता है। यह खुशी का पर्व है जो इस्लामी कैलेंडर के बारहवें माह जिलहिज्ज की अट्ठारहवीं तारीख को प्रति वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मुस्लिम समुदाय खासकर कर शिया समाज के लोग नए वस्त्र धारण कर समूहों में विशेष इबादत करते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं, लोग एक-दूसरे को गले लगा कर मुबारकबाद के साथ इच्छानुसार सौगात देते हैं।
हुसैनी मस्जिद के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद रजा रिजवी कहते हैं गदीर की ईद शिया मुसलमानों का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार उस घटना की स्मृति में मनाया जाता है जिसमें कहते हैं कि इस्लाम धर्म के अंतिम पैगम्बर मुहम्मद साहब ने इमाम अली अलैहिस्सलाम को 18 जिलहिज्जा 10 हिजरी तदानुसार 19 मार्च 633 ईसवी को गदीर-ए-खुम के मैदान में सवा लाख हाजियों की उपस्थिति में अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करते समय फरमाया था, मनकुन्तो मौला फहाजा अलियुन मौला। अर्थात जिसका मैं मौला हूं, अली भी उसके मौला हैं।