आपातकाल में तानाशाही से मुक़ाबिल हुए थे नौजवान : राममूर्ति सिंह
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अंबेडकरनगर। आपातकाल की 47वीं वर्षगांठ को जनपद के लोकतंत्र सेनानियों ने काला दिवस के रूप में मनाया। नगर के अयोध्या मार्ग स्थित लोकतंत्र सेनानी परिषद के जिला कार्यालय पर शनिवार को जुटे लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के जुल्मों सितम को याद करते हुए लोकतंत्र जिंदाबाद, लोकतंत्र सेनानी जिंदाबाद के नारे लगाए।
लोकतंत्र सेनानी परिषद के जिला अध्यक्ष राम शंकर गुप्ता की अध्यक्षता व मग्घूराम विमल के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता लोकतंत्र सेनानी राममूर्ति सिंह सहित आशाराम वर्मा पेशकार, रामकेवल, श्रीपत चौधरी आदि ने संबोधित किया। मुख्य वक्ता राममूर्ति सिंह ने कहा कि 25 जून 1975 को मध्यरात्रि में देश पर आपातकाल लाद दिया गया। 26 जून प्रात: तक समस्त बड़े नेतागण सलाखों के पीछे पहुंच चुके थे। अखबारों पर सैंसरशिप लागू हो गया था। अखबारों के पन्ने खाली आने लगे। देश भर में हो क्या रहा है? कौन कहां है? किस जेल में है? किस हाल में है? इसका आभास तक नहीं हो पाया। आपातकाल का डट कर विरोध करने का निर्णय हुआ, संगठन दुगनी ताकत से तानाशाही से मुकाबले के लिए तैयार था।
आशाराम वर्मा ने कहा अखबारों से खबरें नदारद थीं अन्य कोई मीडिया नहीं था रेडियो सरकारी भोंपू बनकर रह गए थे। रामकेवल ने कहा चप्पे-चप्पे पर सरकारी जासूस रहते थे, जिस भी व्यक्ति से आप बात कर रहे हैं, वह कब मुखबरी कर देगा पता नहीं था, केवल और केवल पुलिस का राज था। श्रीपत चौधरी ने कहा इमरजेंसी की घोषणा होते ही गैर कांग्रेसी दलों के लोग एक-एक कर जेल में पहुंचने लगे, जो भी गिरफ्तार होता उसकी भारी पिटाई होती। राम शंकर गुप्ता ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए कहा पुलिस का कहर अविस्मरणीय है। रायबरेली के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया था। यह निर्णय इंदिरा गांधी के विरुद्ध चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार राजनारायण सिंह की याचिका पर दिया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के साथी किसी भी कीमत पर नहीं चाहते थे कि हाईकोर्ट के निर्णय को मानते हुए प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी त्यागपत्र दें। इससे गहरा राजनीतिक संकट पैदा हो गया। लिहाजा 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक की 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल लागू रहा। काला दिवस कार्यक्रम में मैकुलाल, राजकुमारी, कलासू, पेशकार, असीरुल निशा समेत अनेक लोग मौजूद थे।