आपातकाल लागू होते ही विपक्षी दलों के लोगों की चुन चुन कर की गई थी गिरफ़्तारी : रामशंकर गुप्ता

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अंबेडकरनगर। आपातकाल की 47वीं वर्षगांठ काला दिवस के रूप में मनाई जाएगी। आपातकाल का दंश झेलने वाले व लोकतंत्र सेनानी परिषद के जिला अध्यक्ष रामशंकर गुप्ता ने जनपद के लोकतंत्र सेनानियों का आवाहन किया है कि शनिवार को मध्यान्ह 12 बजे कार्यक्रम स्थल अयोध्या मार्ग स्थित परिषद के जिला कार्यालय पर उपस्थित हों।
लोकतंत्र सेनानी रामशंकर गुप्ता बताते हैं रायबरेली संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से इंदिरा गांधी से चुनाव हारने के पश्चात प्रख्यात सोशलिस्ट नेता राजनारायण सिंह ने इंदिरा गांधी के चुनाव परिणाम को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर किया। न्यायाधीश जगमोहन लाल सिन्हा द्वारा पुख़्ता दलील और सुबूतों के आधार पर इंदिरा गांधी का चुनाव
रद्द कर दिया। तब प्रधानमंत्री पद पर आसीन इंदिरा गांधी की सलाह पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने 25 जून सन् 1975 की अर्धरात्रि में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा किया था। इमरजेंसी पीरियड के काले दिनों को याद करते हुए रामशंकर गुप्ता ने कहा आपातकाल लागू होने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को चुन चुन कर जेलों में ठूंस दिया गया था। इसी परिप्रेक्ष्य में फैजाबाद जनपद से भी सैकड़ों गिरफ़्तारी की गई थी। जिनमें प्रमुख रूप से कामरेड मित्रसेन यादव, संत श्रीराम द्विवेदी, कामरेड अकबर हुसैन बाबर, ओमकृष्ण श्रीवास्तव, माता प्रसाद तिवारी, अधिवक्ता फखरूल हसन अंसारी, सिराजुद्दीन कुरैशी, मग्घूराम इत्यादि थे। उक्त सभी राजनीतिक बंदियों को 19 माह के बाद रिहाई मिली थी। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि गिरफ़्तारी के समय टांडा तहसील क्षेत्र के मूल निवासी व जनता पार्टी के जुझारू कार्यकर्ता रामशंकर गुप्ता की आयु मात्र 17-18 वर्ष थी।

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