जहां में आज भी इतना असर हुसैन का है…..
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अंबेडकरनगर। अली की फजीलत पर खामोश न बैठा करो, बल्कि खुले दिल से अली-अली बोलो। जब जबान कटा कर मीसमे तम्मार अली का गुणगान करते रहे तो उनके चाहने वाले कैसे मौन धारण कर सकते हैं। बल देकर कहा तुम दुनिया में अली के लिए बोलोगे तो मौला अली कब्र में तुम्हारे हक में निश्चित रूप से बोलेंगे।
उक्त विचार मुंबई से पधारे मौलाना शाहिद रिजवी ने व्यक्त किया। वह लोरपुर ताजन इमामबाड़े में बृहस्पतिवार को सैय्यद हसन अस्करी आदि द्वारा आयोजित मरहूम सैय्यद शहंशाह हुसैन ‘शन्नू’ इब्ने सैय्यद शब्बीर हुसैन के चालीसवें की मजलिस को खेताब कर रहे थे। बड़ी संख्या में मौजूद अजादारों को आकृष्ट करते हुये उन्होंने नियमित रूप से नमाज पढ़ने की ताकीद किया। कहा कि बिना नमाज के हुसैनी होने का दावा खोखला है। मौलाना शाहिद रिजवी ने नमाज और अजादारी को एक दूसरे का पर्याय बताया।
मजलिस कार्यक्रम में मौलाना मोहम्मद अब्बास रिजवी, मौलाना सैयद शबाब हैदर, मौलाना शाहिद रिजवी, मौलाना शफाअत हुसैन, मौलाना शब्बर हुसैन खान, मौलाना कमर आब्दी, मौलाना अली अब्बास शीराजी, इरशाद लोरपुरी, मुशीर आब्दी, हसन आब्दी, सैय्यद मतलूब हुसैन, डॉ. कासिम हुसैन, मेहदी रजा, शाहिद जैदी, शद्दू, असद सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे। उससे पूर्व मशहूर शायर शहंशाह मीरजापुरी ने कलाम प्रस्तुत करते हुवे कहा जहां में आज भी इतना असर हुसैन का है, मगर यजीद के सीने में डर हुसैन का है। सोजखानी नैय्यर लोरपुरी, शजर रिजवी व हमनवा ने और संचालन आरिफ अनवर अकबरपुरी ने किया। कार्यक्रम के समापन पर सैय्यद बादशाह हुसैन, सैय्यद मजहर अब्बास ने आभार व्यक्त किया।